जदयू के नेता राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह ने तुलनात्मक भाषा का इस्तेमाल कर अपनी राजनीतिक अनुभव का अभाव प्रदर्शित करने का कार्य किया है। ये बाते हिंदस्तानी आवाम मोर्चा के रास्ट्रीय प्रवक्ता ई.अजय यादव ने कहा। जिस तरह से आरसीपी सिंह ने कहा की शराबबंदी के समर्थन में बनी मानव श्रृंखला में चार करोड़ लोग शामिल हुए थे। इस बार दहेज बंदी और बाल विवाह उन्मूलन के लिए बनने वाला मानव श्रृंखला में यह रिकॉर्ड तोड़ देना है।
ई. यादव ने कहा कि अगले वर्ष होने वाली मानव श्रृंखला में इस बार कोई महादलित, गरीब भाग नहीं लेंगे, जब तक कि उन्हें तीन डिसमिल के जगह पांच डिसमिल जमीन, पांच एकड़ जमीन रखने वाले किसानों को मुफ्त बिजली, उजड़े हुए झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था, संविदा पर बहाल शिक्षकों, नर्सों तथा अन्य लोगों को सरकारी करण मैट्रिक पास बच्चियों को पढऩे के लिए मुफ्त शिक्षा व्यवस्था, हर घर नल का जल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति, गरीबों के हित में नहीं होती है तो अगले वर्ष मानव सृंखला में महादलित व गरीब वर्ग के लोग शामिल नहीं होंगे। गरीब त्राहि-त्राहि कर रहा है और आरसीपी सिंह झूठ मूठ का अपने आप को प्रमोट करने के लिए सुर्खियों में बनने का प्रयास कर रहे हैं। बिहार सरकार को इन सभी विषयों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
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