सुबह अस्पताल की बाउण्ड्री के बगल से पार्वती नर्सिंग होम के सामने एक अज्ञात नवजात जिंदा कन्या बरामद की गई है। कन्या को यहां कौन फैंककर गया, इसका पता तो फिलहाल नहीं चल सका है, लेकिन सरकार के बेटी बचाओ अभियान की जरूर धज्जियां उड़ रही हैं, इससे जाहिर होता है कि सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंचकर कागजों में चल रही हैं। शुक्रवार की सुबह 5:30 बजे के लगभग पार्वती नर्सिंग होम के सामने स्थित एक चाय वाला अपने ठेले पर पहुंचा तो उसने देखा कि जिला अस्पताल की बाउण्ड्री के बगल से एक बच्ची की किलकारी गूंजने की आवाज आ रही है, उसने जाकर देखा तो बच्ची जीवित थी।
चाय वाले ने तत्काल घटना की सूचना पुलिस को दी, जिस पर से कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बच्ची का परीक्षण व उपचार कर उसे एससीएनयू में भर्ती कराया गया, जहां अब बच्ची की हालत खतरे से बाहर है। बच्ची के मिलने की सूचना आस पास के क्षेत्र में आग की तरह फैल गई।
लोगों का मानना है कि नवजात कन्या को रात के अंधेरे में कोई कलयुगी मां छोड़ गई। गौरतलब बात यह है कि एक ओर केन्द्र व राज्य सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान पर अरबों रुपया पानी की तरह बहा रही है तथा लोगों में फिर भी जागरूकता नहीं आ रही है ऐसा लगता है कि सरकार का यह अभियान कागजों में या मात्र प्रचार-प्रसार में ही चल रहा है। तब भी आये दिन नवजात बच्चियों को फैंके जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। विचारणीय बिन्दू यह है कि देश व प्रदेश के अलावा सभी जिलों में तमाम संस्थाएं बेटियों के हक में काम कर रही हैं। परंतु अब यह संस्थाएं मात्र सरकारी अनुदान प्राप्त करने तक ही सीमित है और कागजों में अभियान चला रही हैं।