ये मामला जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले का है जहां नगर निगम के अन्तर्गत आने वाली करोड़ रुपये की कीमती जमीन पर कब्जे के मामले में कुछ अधिकारियों और निजी लाभार्थियों की कथित भूमिका की जांच के लिए छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज बताया कि भूमि रिकार्ड को लेकर एक महीने तक चली जांच में पाया गया कि कई मामलों में नियमों का उल्लंघन कर स्वामित्व के अधिकार दिए गए।
प्रवक्ता ने बताया कि फील्ड अधिकारियों और दस्तावेज संरक्षकों ने भूमि की प्रकृति के रिकार्ड या निजी व्यक्तियों को अनुचित लाभ देने के लिए भूमि के प्रकार में तब्दीली कर दी।
उन्होंने बताया कि कब्जा की गई भूमि फिर से वापस पाने के लिए जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी की अध्यक्षता में कल हुयी उच्चस्तरीय बैठक में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।