नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा समान नागरिक संहिता पर केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए, देश में विविधता की बात है। यहां सभी धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं और जहां तक कट्टरपंथियों की बात है, तो उनके पास भी अपने शरीयत कानून हैं। उन्होंने कहा, और कहीं उनके ऐसे किसी कदम से देश में तूफान न आ जाए।
अमरनाथ यात्रा को लेकर भक्तों को दी शुभकामनाएं
फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भी ईद-उल-अजहा के मक़सद पर सहमति जताई। वह उस दिन के महत्व को समझाते हुए प्रेरित हो गए थे, जो पैगंबर साहब की अल्लाह के लिए उनके बेटे इस्माइल सहित सभी कुछ बलिदान करने की इच्छा को पहचानते हैं। उन्होंने कहा, मैं अमरनाथ यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजता हूं। यह कल से शुरू हो रही है, उन्हें यहां से आशीर्वाद लेकर सफलता दे। पीआईपी प्रमुख ने कहा, मैं ईद-उल-अजहा के मौके पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह हमारे बलिदानों को स्वीकार करें, हमारे पापों को माफ करें और जम्मू-कश्मीर को उस कठिन समय से मुक्त करें जिसका वह अभी भी सामना कर रही है।
जानिए यूसीसी है क्या?
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे। संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है, अनुच्छेद-44 संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है, इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के सिद्धांत का पालन करना है।