जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि जम्मू कश्मीर राजमार्ग कारगिल युद्ध के दौरान भी बंद नहीं हुआ था जब खुफिया रिपोर्ट में आत्मघाती हमले की सूचना थी। गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर राजमार्ग को नागरिकों के लिए सप्ताह में दो दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के एक दिन बाद अब्दुल्ला का यह बयान आया है।
इस निर्णय से आहत अब्दुल्ला ने सवाल किया, ‘‘ईश्वर के लिए क्या हो रहा है। क्या आप कश्मीर को ब्रिटिश उपनिवेश बनाने का प्रयास कर रहे हैं?’’ उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अगुवाई वाले प्रशासन के इस निर्णय को नागरिकों के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप करार दिया।
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राज्य के गृह सचिव शालीन काबरा द्वारा बुधवार को जारी आदेश के अनुसार, किसी भी नागरिक यातायात को उत्तरी कश्मीर के बारामूला से जम्मू क्षेत्र के उधमपुर में रविवार और बुधवार को 31 मई तक जाने की अनुमति नहीं होगी। आदेश में कहा गया है कि 271 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक नागरिक वाहनों के यातायात पर प्रतिबंध रहेगा।
यह निर्णय पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद लिया गया है। यह राजमार्ग अनंतनाग, अवंतिपुरा, पम्पोर, श्रीनगर, पाटन और बारामूला जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरता है। अब्दुल्ला ने से कहा, ‘‘लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के एक निर्णय से भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के उस दावे की पोल खुल जाती है जिसमें राज्य में सुरक्षा स्थिति बेहतर होने की बात कही गई थी।