प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता एवं कश्मीरी पंडित संपत प्रकाश का शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके करीबी दोस्तों ने यह जानकारी दी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्हें मृत अवस्था में जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर स्थित एसकेआईएमएस लाया गया था।
कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष शेख आशिक ने ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री संपत प्रकाश के निधन के बारे में जानकारी प्राप्त हुयी।’’ श्री संपत ने कश्मीर में ट्रेड यूनियन सक्रियता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके लिए वह जेल भी गए। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘दिग्गज व्यापार नेता एवं नागरिक स्वतंत्रता के समर्थक संपत प्रकाश जी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे याद है कि बचपन में वह जम्मू में केडी सेठी साहब के घर अक्सर आते थे। उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना।’’ वहीं श्री तारिगामी ने कहा कि उन्होंने ट्रेड यूनियन आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान दिया।
श्री संपत उन नेताओं की अग्रिम पंक्ति में थे, जिन्होंने अब्दुल मजीद खान, शीशोपाल और अन्य के साथ 1967 में कर्मचारियों की आम हड़ताल का आयोजन किया था।
वह मजदूर वर्ग और कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के हितों के प्रति दृढ़ रहे।
उन्होंने कहा, ‘9 जून को मैं उनकी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए उनसे मिलने गया और कई मुद्दों पर बातचीत की। वह लोगों के कल्याण के बारे में बहुत चिंतित थे।’ उन्होंने कहा, ‘‘शोषितों और बहिष्कृतों के प्रति उनके समर्पण और अटूट प्रतिबद्धता के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन ने एक शाश्वत शून्य पैदा कर दिया है।’’