रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार गांव-गांव में गरीब लोगों को रोजगार से जोडऩे के लिए कृत-संकल्प है। लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए उन्हें रोजगार से जोडऩा आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री लघु एवं कुटिर उद्यम विकास बोर्ड का गठन किया गया है। बोर्ड पेशेवर तरीके से काम करें।गांव की भौगोलिक स्थिति और जरूरत के अनुसार सर्वे कर लघु व कुटिर उद्योगों से लोगों को जोड़ें। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाये। वे आज झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री लघु एवं कुटिर उद्यम विकास बोर्ड की शासी निकाय की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड गांव के लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें आधारभूत संरचना मुहैया कराने और उत्पादित वस्तु के मार्केटिंग का काम करेगा। तीन अगस्त को इस बोर्ड से जुड़े लगभग 300 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। इसमें चार प्रोजेक्ट, 24 डिस्ट्रीक और 260 ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर शामिल रहेंगे। बैठक में उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल ने बताया कि चार प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर के तहत 24 जिलों में एक-एक डिस्ट्रीक को-ऑर्डिनेटर रहेंगे। इनके अंतर्गत 260 प्रखंडों में एक-एक ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर और उनके अंतर्गत 32,620 गांवों में एक-एक विलेज को-ऑर्डिनेटर बनाया जायेगा। इन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा।
जिस गांव में लाह होता है, वहां लाह से संबंधित सामग्रियों का प्रशिक्षण देकर उनका निर्माण कराया जायेगा। इसी प्रकार जिन गांवों में तसर होता है, वहां तसर से संबंधित लघु उद्योग लगाये जायेंगे। पशुपालन, मुर्गीपालन आदि का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। पहले चरण में 24 डिस्ट्रीक को-ऑर्डिनेटर व 260 ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर का प्रशिक्षण होगा।
गांव की भौगोलिक स्थिति और ग्रामीणों की जरूरत का सर्वे किया जायेगा। इसके बाद अगले तीन माह में सभी 32,620 गांवों के विलेज को-ऑर्डिनेटर का प्रशिक्षण पूरा कर लिया जायेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अमित खरे, पंचायती राज सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, उद्योग निदेशक के. रविकुमार, बोर्ड की सीईओ सुश्री रेणु गोपीनाथ पाणिकर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।