मुख्यमंत्री के भाषण पर प्रसार भारती और त्रिपुरा सरकार में वाक युद्ध - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

मुख्यमंत्री के भाषण पर प्रसार भारती और त्रिपुरा सरकार में वाक युद्ध

NULL

अगरतला : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के 71 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर औपचारिक भाषण के प्रसारित नहीं होने के मामले का वाम दलों ने जोरदार विरोध किया है और इसे लेकर प्रसार भारती तथा राज्य सरकार के सूचना विभाग के बीच वाक युद्ध जारी है। त्रिपुरा सूचना महानिदेशालय की ओर से कल देर रात जारी एक बयान में आरोप लगाया गया कि श्री सरकार के रिकार्ड किए गए भाषण का आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण नहीे करने की अपनी गलती को छिपाने के लिए प्रसार भारती अब जनता को भ्रमित कर रही है।

बयान में कहा गया है “प्रसार भारती अपने गैरलोकतांत्रिक रवैये और अधिकारवादी प्रवृत्ति को छिपाने के लिए अब जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।” पिछले वर्षों की तरह ही आकाशवाणी और दूरदर्शन ने 12 अगस्त को मुख्यमंत्री का भाषण रिकार्ड किया था लेकिन इसका 14 अगस्त शाम को प्रसारण नहीें किया गया।

इससे पहले प्रसार भारती के अगरतला कार्यालय के प्रभारी यू के साहू ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि 15 अगस्त को रात 29़ 45 मिनट वाले बुलेटिन में श्री सरकार के भाषण का प्रसारण 12 मिनट की अवधि तक किया गया था और इसे अगले दिन भी दोहराया गया था। प्रसार भारती पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए श्री साहू ने कहा “मुख्यमंत्री के विभिन्न जिलों में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों का क्षेत्रीय बुलेटिन में काफी व्यापक प्रसारण किया गया था और स्वतंत्रता दिवस के दिन उन्हें ब्लाक आउट करने संबंधी आरोप गलत हैं।”

इस बीच त्रिपुरा सरकार ने श्री साहू के तर्क पर जबाबी हमला करते हुए उनसे इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है कि मुख्यमंत्री के रिकार्ड किए भाषण में अंतिम समय में सुधार करने संबंधी लिखित आग्रह आखिर प्रसार भारती ने क्यों किया जिसमें कहा गया था कि अगर ऐसा नहीे किया जाता है तो उनका भाषण प्रसारित नहीं होगा और बाद में मुख्यमंत्री ने 14 अगस्त को ऐसा करने से मना कर दिया।

प्रसार भारती के अधिकारियों ने यह तर्क दिया है कि सरकारी प्रसारक होने के नाते किसी भी कार्यक्रम के बारे में उसे कुछ नियम और मानकों का पालन करना होता है और स्वतंत्रता दिवस वाले दिन उनके भाषण में इनका उपयुक्त तरीके से पालन नहीं किया गया और ऐसे में किसी भी कार्यक्रम की विषय वस्तु तथा सामग्री के बारे में निर्णय लेन का प्रसार भारती को स्व विवेक का अधिकार है।

अधिकारियों का कहना है “कुछ विवादित अंशों को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया था जो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रसारित किए जाने के लिहाज से उचित नहीें थे लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और यही कारण था कि आकाशवाणी और दूरदर्शन पर इनका प्रसारण नहीं किया जा सका। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें ब्लाक आउट किया गया था । उनके भाषण को व्यापक कवरेज दी गई थी।”

माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो और त्रिपुरा राज्य समिति ने प्रसार भारती की ओर से मुख्यमंत्री के पारंंपरिक भाषण के ब्लाक आउट के असामान्य मामले की जांच कराने की मांग करते हुए कहा है कि उनके भाषण को प्रसारित नहीं करने में राजनीतिक साजिश की बू आती है और यह मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुकृत्यों को उजागर करता है जो देश की परंपरा को ध्वस्त करने में लगे हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने भी प्रसार भारती को गैरलोकतांत्रिक,अधिकारवादी और असहिष्णु करार देते हुुए कहा है कि वह केन्द्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है और यह राजनीतिक क्षेत्र में देश के संघीय ढ़ांचे को तोडऩे तथा संविधान के अपमान का कार्य है। उन्होंने पार्टी के रूख को दोहराते हुए कहा कि देश के ढांचे को तोडऩे की एक साजिश रची जा रही है ताकि देश में एक खास धर्म का बोलबाला हो और गौ रक्षा का संदेश इसी वजह से दिया जा रहा है। देश में दलित और अल्पसंख्यक वर्गों पर हमले किए जा रहे हैं और केन्द्र की जन विरोधी सरकार शांति तथा सदभावना के माहौल को प्रभावित कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five + eight =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।