मुंबई में 19 वर्षीय एक युवती के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में ‘‘निष्क्रियता’’ को लेकर एक पुलिस निरीक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। महिला की बाद में एक अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। महिला के वकील के मुताबिक, अनुसूचित जाति की उस महिला के साथ जुलाई के पहले हफ्ते में मुंबई में उसके चार दोस्तों ने कथित रूप से बलात्कार किया था।
बाद में उसे महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 28 अगस्त को उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, महिला के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील नितिन सतपुते द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के आधार पर शनिवार को चूनाभट्टी पुलिस स्टेशन के निरीक्षक दीपक सुर्वे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
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शिकायत में सतपुते ने मामले की जांच को लेकर पुलिस पर ‘‘निष्क्रियता’’ का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने में भी विफल रही, क्योंकि पीड़िता अनुसूचित जाति की थी।
सतपुते ने आरोप लगाया, ‘‘प्रथम दृष्ट्या, यह पुलिस की एक गंभीर गलती है, जिसने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पीड़ित परिवार द्वारा गुहार लगाए जाने के बावजूद, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता को अपमानित करने के लिए पुलिस निरीक्षक दीपक सुर्वे के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है।’’ कथित बलात्कार का मामला तब सामने आया जब महिला ने 24 जुलाई को अपने गुप्तांगों में दर्द की शिकायत की और उसे यहां से लगभग 325 किलोमीटर दूर औरंगाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों को संदेह हुआ कि उसके साथ बलात्कार किया गया है और उन्होंने पुलिस को इसके बारे में सूचना दी और फिर उसे सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। औरंगाबाद के बेगमपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार, 7 जुलाई को महिला मुंबई आई थी।
पुलिस ने बताया कि उसके चार दोस्तों ने उसका जन्मदिन मनाने का फैसला किया। केक काटने के बाद चारों ने उसके साथ कथित रूप से बलात्कार किया। अधिकारी ने कहा कि महिला बाद में औरंगाबाद लौट आई लेकिन अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में नहीं बतायी। बाद में यह मामला यहां के चूनाभट्टी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया।
वरिष्ठ राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को यहां पार्टी के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें महिला की मौत की एसआईटी जांच कराने की मांग की गई। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर महिला सुरक्षा के प्रति ‘‘असंवेदनशील’’ होने का आरोप लगाया।
बारामती के लोकसभा सांसद के साथ प्रदर्शन में राकांपा के मुंबई प्रमुख नवाब मलिक और विधान पार्षद विद्या चव्हाण मौजूद थे। सुले ने यह कहते हुये इस मामले में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को गठित करने की मांग की जिससे इस मामले की जांच उचित ढंग से नहीं की जा रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। बाद में, राज्य विधान परिषद की उप सभापति नीलम गोरहे ने कहा कि उन्होंने मुंबई पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने और मामले में उचित ढंग से आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया है।