महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने आख़िर माफी मांग ली है। कोश्यारी ने कहा था कि अगर गुजराती और राजस्थानी नहीं रहेंगे तो मुम्बई वित्तीय राजधानी ही नहीं रहेगी। इस बयान को लेकर भाजपा से शिवसैना व कांग्रेस तक सारी पार्टियां भड़क गईं थी। अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने माफी मांगी है और कहा है कि उनकी टिप्पणी को गलत समझा है। उन्होंने कहा कि उनका ‘मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था।
विपक्ष ने की थी घोर निंदा
विपक्षी दलों ने भी राज्यपाल की टिप्पणी की कड़ी निंदा की थी और इस टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की थी। टिप्पणियों पर विवाद के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कहा था कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया था। उन्होंने कहा कि उनका “मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कम करने का कोई इरादा नहीं है”। राज्यपाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
उद्धव ठाकरे ने मांगी थी माफी की मांग
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुंबई के बारे में अपनी टिप्पणी के लिए राज्यपाल कोश्यारी से माफी की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अब यह तय करने का समय आ गया है कि उन्हें घर वापस भेजा जाए या जेल। ठाकरे ने राज्यपाल पर मुंबई और ठाणे में “शांति से रहने वाले हिंदुओं को विभाजित करने” की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था। ठाकरे ने 30 जुलाई को अपने आवास ‘मातोश्री’ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ”राज्यपाल के मन में मराठी लोगों के प्रति जो नफरत है वह अनजाने में सामने आ गई है।’ जनता से माफी मांगो।