कोरोना काल में धार्मिक आयोजनों पर प्रशासनिक रोक के बावजूद मध्य प्रदेश के इंदौर में मुहर्रम के अवसर पर ताजिया जुलूस निकाले जाने के संबंध में पुलिस ने कम से कम 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं सूबे में सत्तारूढ़ बीजेपी के स्थानीय नेताओं के घटना को लेकर मोर्चा खोलने के बाद संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी को मैदानी ड्यूटी से हटा भी दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणाचारी मिश्र ने सोमवार को बताया, “खजराना क्षेत्र में मुहर्रम को लेकर रविवार को तीन ताजियों के साथ धार्मिक जुलूस निकाले गये थे।” उन्होंने बताया कि ताजिया जुलूसों के मामले में भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अफसर का आदेश नहीं मानना), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य संबद्ध धाराओं में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गए हैं।
डीआईजी ने बताया कि अब तक इन प्राथमिकियों में एक पूर्व पार्षद समेत 30 आरोपियों की पहचान हुई है। अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। डीआईजी ने बताया कि कर्तव्य में कथित लापरवाही के कारण खजराना के थाना प्रभारी संतोष सिंह यादव को मैदानी ड्यूटी से हटाते हुए पुलिस लाइन भेज दिया गया है।
इस बीच, जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया, “शांति समिति की बैठक में पहले ही तय हो गया था कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण इस बार मुहर्रम पर सार्वजनिक स्थानों पर ताजिया जुलूस नहीं निकाले जाएंगे।” उन्होंने बताया कि उन्होंने डीआईजी से अनुरोध किया है कि प्रशासनिक पाबंदी का उल्लंघन कर ताजिया जुलूस निकालने वाले लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत जेल भेजने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाए।
मनीष सिंह ने यह भी बताया कि मामले में खजराना के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। गौरतलब है कि स्थानीय भाजपा नेता सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के हवाले से घटना पर आपत्ति जता रहे हैं। शहर की मौजूदा बीजेपी विधायक और पूर्व महापौर मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि पाबंदी के बावजूद ताजिया जुलूस निकलने से साबित होता है कि पुलिस और प्रशासन का खुफिया तंत्र पूरी तरह नाकाम हो चुका है।
गौड़ ने आरोप लगाया कि खजराना के ताजिया जुलूसों में शहर के अलग-अलग इलाकों के हजारों लोग शामिल हुए और उन्होंने कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क पहनने व शारीरिक मेल जोल की दूरी के दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया। बीजेपी विधायक ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है।