कर्नाटक मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से बीजेपी में बगावत शुरू हो गई। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से कई बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गुरुवार को इसपर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने नाराज विधायकों को आलाकमान के पास जाकर अपनी बात रखने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा, कल हमने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। हमारे उच्च कमान के निर्देशों के अनुसार, हमने एक पद खाली रखा है। मैंने देखा है कि कुछ विधायक आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। उन्होंने नाराज विधायकों द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा, मैंने सीमाओं के बावजूद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, मैं आरोप लगा रहे सभी विधायकों से अनुरोध करता हूं, वो आलाकमान के सामने अपनी बात रखें, उन्हें कोई नहीं रोक रहा है। यहां और वहां प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है, यह पार्टी फोरम में अच्छा नहीं होगा, कोई भ्रम न पैदा करें। हमें राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसे कोई नहीं रोक सकता।
गौरतलब है कि सात मंत्रियों के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही बीजेपी में खुली बगावत हो गई। पार्टी के विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा, जो भी ब्लैकमेल करता है या पैसा देता है, उसे मंत्री बना दिया जाता है। बीजेपी के एक नए विधायक कालाकप्पा बंदी ने भी मंत्रिमंडल विस्तार पर नाखुशी जताई है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का वफादार सिपाही हूं। मैं मंत्रिमंडल विस्तार से खुश नहीं हूं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा मौजूद रहे। आज कुल सात नए सदस्यों एमटीबी नागराज, उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, मुरुगेश निरानी, आर शंकर, सीपी योगीश्वर, अंगारा एस को बीएस येदियुरप्पा कैबिनेट में शामिल किया गया है।