MP News: हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, ज्ञानवापी की तरह अब भोजशाला का भी होगा ASI सर्वे

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, ज्ञानवापी की तरह अब भोजशाला का भी होगा ASI सर्वे

ज्ञानवापी के बाद अब मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला विवाद पर एक बड़ी खबर में सामने आई है। बता दें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने कहा है कि कोर्ट ने ज्ञानवापी की तरह ही इसका भी ASI सर्वे कराने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष की ओर से इसका पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई थी, जिस पर इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

  • हाईकोर्ट का बड़ा आदेश
  • ज्ञानवापी की तरह अब भोजशाला का भी होगा ASI सर्वे
  • हिंदू पक्ष की ओर से इसका पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की

इसे लेकर दोनों पक्षों में लंबे वक्त से विवाद चला

आपको बता दें भोजशाला को हिंदू पक्ष वाग्देवी यानी मां सरस्वती का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है। इसे लेकर दोनों पक्षों में लंबे वक्त से विवाद चला आ रहा है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक है, जिसका नाम राजा भोज पर रखा गया था।

45 1

आखिर क्या है विवाद?

हिंदू संगठन भोजशाला को राजा भोज कालीन इमारत बताते हुए इसे सरस्वती का मंदिर मानते हैं।हिंदुओं का तर्क है कि राजवंश काल में यहां कुछ समय के लिए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी। दूसरी ओर, मुस्लिम समाज का कहना है कि वो सालों से यहां नमाज पढ़ते आ रहे हैं। मुस्लिम इसे भोजशाला-कमाल मौलाना मस्जिद कहते हैं।

क्या है इसका इतिहास?

एक हजार साल पहले धार में परमार वंश का शासन था। यहां पर 1000 से 1055 ईस्वी तक राजा भोज ने शासन किया. राजा भोज सरस्वती देवी के अनन्य भक्त थे। उन्होंने 1034 ईस्वी में यहां पर एक महाविद्यालय की स्थापना की। जिसे बाद में ‘भोजशाला’ के नाम से जाना जाने लगा, इसीलिए इसे हिंदू पक्ष देवी सरस्वती का मंदिर मानता है।

46 1

भोजशाला के एक हिस्से में मस्जिद बनवा दी

हिंदू संगठन ऐसा दावा करता है की 1305 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी ने भोजशाला को ध्वस्त कर दिया था।बाद में 1401 ईस्वी में दिलावर खान गौरी ने भोजशाला के एक हिस्से में मस्जिद बनवा दी। 1514 ईस्वी में महमूद शाह खिलजी ने दूसरे हिस्से में भी मस्जिद बनवा दी। बताया जाता है कि 1875 में यहां पर खुदाई की गई थी।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten − 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।