2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को एक बार फिर से शुरू हो रही है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को 19 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया है।
स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश पी आर सितरे ने इससे पहले बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित समेत सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि, प्रज्ञा ठाकुर, रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी कोर्ट में पेश नहीं हुए।
पिछले साल कोर्ट ने सातों आरोपियों को सप्ताह में एक बार कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था जिसके बाद गत वर्ष जून में ठाकुर, कोर्ट में पेश हुई थी। लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, समीर कुलकर्णी और अजय राहिकर गुरुवार को न्यायाधीश के सामने पेश हुए थे। अन्य चार आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि कोविड-19 की स्थिति के चलते उनके मुवक्किल पेश नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 19 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को पुनः शुरू होगी। महाराष्ट्र में मुंबई से 200 किलोमीटर दूर स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में रखी विस्फोटक सामग्री में धमाका हो गया था जिससे छह लोग मारे गए थे और सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।
कोर्ट ने अक्टूबर 2018 में पुरोहित, ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के विरुद्ध आतंक रोधी धाराओं में मामला दर्ज किया था। इस साल कोविड-19 के कारण मार्च से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि कोर्ट नहीं चल रही थी। इस बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई पर रोक नहीं लगाई गई है।
कोर्ट ने कहा कि मुकदमे की कार्यवाही जारी रहनी चाहिए। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एक खंड पीठ ने लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा। याचिका में कहा गया गया था कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के विरुद्ध मामला रद्द कर दिया जाए। कोर्ट ने पुरोहित के वकील के अनुरोध पर मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 दिसंबर तय की है।