सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें 2015 के विसपुर दंगा मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया।
याचिका में मामले पर तत्काल सुनवाई करते हुए दंगा से संबंधित 2015 के मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की, ताकि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकें। पीठ में न्यायमूर्ति एम एम शांतनागोदर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा भी शामिल हैं। पटेल की ओर से पेश हुए वकील से पीठ ने कहा कि इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरुरत नहीं है क्योंकि हाई कोर्ट का आदेश पिछले साल अगस्त में आया था।
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अब तत्काल सुनवाई की क्या जरुरत है?’’ पटेल (25) ने 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी के टिकट पर जामनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख चार अप्रैल है। पीठ ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ‘‘आदेश अगस्त 2018 में पारित हुआ था।