देश के उत्तर-पूर्व के अहम राज्य मेघालय में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई, जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल संगमा ने पार्टी छोड़ दी। इसके साथ ही 11 अन्य नेताओं ने भी उनका साथ देते हुए कांग्रेस का दामन छोड़ दिया। यह फैसला उत्तर-पूर्व में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि संगमा मेघालय के जाने-माने नेता है, जिनकी जनता में अच्छी-खासी पकड़ है।
कांग्रेस के 11 अन्य विधायकों के साथ टीएमसी में शामिल हुए
मुकुल संगमा ने इसके बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामा और आगामी चुनावो को लेकर एक बड़ा दावा किया। मुकुल संगमा ने कहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पूरे पूर्वोत्तर में अपना राजनीतिक आधार बढ़ाने की योजना बना रही है। हाल में कांग्रेस के 11 अन्य विधायकों के साथ टीएमसी में शामिल हुए, मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया कि उनके सबसे पुरानी पार्टी को छोड़ देने के साथ ही पूरे क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदलने वाले हैं।
मैं क्षेत्र में अन्य राज्यों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहा हूं-संगमा
उन्होंने कहा, “मैं क्षेत्र में अन्य राज्यों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहा हूं। हमारे राजनीतिक फैसले के बाद से वे मुझसे मिल रहे हैं। यह दिखाता है कि वे अपने-अपने राज्यों में कुछ नये की तलाश कर रहे हैं।” छह बार विधायक रह चुके संगमा ने कहा कि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चार्ल्स पिंगरोप संभवत: टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष होंगे जबकि वह बतौर विधायक दल के नेता, सरकार को घेरने के साथ ही अन्य पड़ोसी राज्यों में पार्टी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पांच सदस्यों ने ली राज्यसभा की सदस्यता की शपथ
कांग्रेस के ‘लहे लहे’ रवैये के परिणामस्वरूप नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं
तृणमूल कांग्रेस के 12 विधायक पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलने के वास्ते रविवार को कोलकाता के लिए रवाना हो गए ताकि संगमा और पिंगरोप की भूमिकाओं को अंतिम रूप दिया जा सके। संगमा ने कहा कि एक नए राजनीतिक दल में शामिल होने का फैसला लंबे समय से लंबित था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘लहे लहे’ (असमी में धीरे-धीरे) रवैये के परिणामस्वरूप इसके नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं।
दो बार मुख्यमंत्री रहे संगमा ने कहा, “किसी भी व्यक्ति का स्वयं को किसी राजनीतिक संगठन के साथ जोड़ने का एक उद्देश्य होता है। राज्य में टीएमसी नेतृत्व सर्वसम्मत दृष्टिकोण और जिम्मेदारी के साथ ‘मजबूत’ है।
क्या मेघालय के लोग टीएमसी को स्वीकार करेंगे- संगमा ने कहा,
उन्होंने कहा, “राजनीति मुश्किल काम है, और जब आप नेता बनने का फैसला करते हैं, तो आप अपने ऊपर एक ऐसी जिम्मेदारी लेते हैं जो सभी स्तरों पर स्वीकार्यता पैदा करने के इर्द-गिर्द घूमती है।” यह विश्वास जताते हुए कि मेघालय के लोगों को तृणमूल कांग्रेस को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी, संगमा ने कहा कि राज्य में पार्टी नई नहीं है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के पिता पी ए संगमा एक बार पश्चिमी मेघालय की तूरा लोकसभा सीट से टीएमसी सांसद चुने गए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या मेघालय के लोग टीएमसी को स्वीकार करेंगे, संगमा ने कहा, “मुझे अपने लोगों पर भरोसा है। मैं उन्हें जानता हूं। मेरा विश्वास और आत्मविश्वास मुझे ताकत देता है।
हालांकि, संगमा ने कहा कि एक विकल्प देने का मतलब यह भी है कि बहुत मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा ‘‘यह समय आराम करने का नहीं है। 2022 में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव है और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।’’