उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को केदारनाथ जाकर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और उम्मीद जाहिर की कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद चारधाम यात्रा और सुचारू रूप से होगी। केदारनाथ में दर्शन करने के बाद यहां लौटने पर मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रदेश के चारों धामों- केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में 708 करोड़ रूपए के विकास के काम चल रहे हैं जो अंतिम चरण में हैं।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में 409 करोड़ रूपए के काम प्रस्तावित हैं जिनमें से 225 करोड़ रूपए के काम पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा, धामी ने कहा कि बदरीनाथ के लिए 245 करोड़ रूपए के काम स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य समाधि स्थल पर उनकी मूर्ति बहुत शीघ्र स्थापित कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के समय आदि शंकराचार्य की मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी। उन्होंने बताया कि आदि गुरु शंकराचार्य जी की मूर्ति को हेलीकॉप्टर से कुछ दिनों पूर्व ही केदारनाथ धाम पहुंचाया गया है। धामी ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि चारधाम यात्रा से जुडे व्यवसायियों तथा श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब तीर्थयात्रा और सुचारू ढंग से होगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के अनुरोध पर धामों में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर लगी पाबंदी हटा दी है। धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा और चारधाम यात्रियों के लिए कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
CM धामी ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तैयारियां चारधाम यात्रा के लिए पूरी हैं और कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था है। इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ पहुंचकर मंदिर में बाबा केदार के दर्शन किए जहां उनकी ओर से मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने रुद्राभिषेक किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देश एवं प्रदेश के खुशहाली की मंगल कामना की।
मुख्यमंत्री आदि गुरु शंकराचार्य जी के समाधि स्थल भी गए और वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और इस दौरान वहां अधिकारियों, इंजीनियरों और मजदूरों के साथ ही श्रद्धालुओं से भी बातचीत की।