कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करने के कारण अनिवार्य अवकाश पर भेजे गए मुंबई विश्वविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्य योगेश सोमन ने बुधवार को कहा कि थिएटर और अभिनय पर बोलने के लिए वह किसी भी पार्टी के आमंत्रण को स्वीकार करेंगे क्योंकि यह उनका ‘‘जुनून’’ है। मुंबई विश्वविद्यालय के थिएटर कला अकादमी के निदेशक ने कहा कि सत्ता, राजनीति और शिक्षण अलग-अलग चीजें हैं उन्हें घालमेल करने की जरूरत नहीं है।
राहुल गांधी की ‘‘सावरकर’’ वाली टिप्पणी पर उनकी आलोचना करते हुए एक वीडियो पोस्ट करने के कारण पिछले सप्ताह उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया। राहुल गांधी ने दिल्ली में एक जनसभा में कहा था, ‘‘मैं राहुल गांधी हूं राहुल सावरकर नहीं’’। सोमन यहां शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बाला साहेब ठाकरे की जयंती के अवसर पर पार्टी की श्रम एवं सिनेमा शाखाओं द्वारा छात्रों एवं युवा रंगकर्मियों के लिए एक कार्यशाला के आयोजन के इरादे से आए थे।
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सोमन ने कहा, ‘‘उन्होंने स्क्रीनप्ले, निर्देशन और अभिनय पर कार्यशाला आयोजित की है और यह मेरा पसंदीदा विषय है। एक प्रशिक्षक के तौर पर मेरा बायोडाटा उतना ही मजबूत है और उन्होंने मुझे यहां प्रशिक्षण कराने के लिए बुलाया है। इस मंच का इस्तेमाल कर मैं अभिनय के अपने अनुभवों को छात्रों एवं युवाओं से बांटूंगा।’’ उन्होंने कहा कि अभिनय में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवा रंगकर्मियों के लिए यह एक अच्छा मंच है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई भी पार्टी चाहे वह शिवसेना हो, राकांपा हो, कांग्रेस या भाजपा हो, ऐसे मंच का निर्माण करती है और मुझे आमंत्रित किया जाता है तो मैं वहां थिएटर पर बोलने के लिए जरूर जाउंगा क्योंकि यह मेरा जुनून है।’’ उन्होंने कहा कि जिस तरह से कलाकारों के लिए कोई सीमा नहीं होती उसी तरह शिक्षकों या प्रशिक्षकों के लिए भी कोई सीमाएं नहीं होतीं।