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पंजाब: भारतीय किसान यूनियन ने अमरिंदर के खिलाफ पटियााला में शुरू किया तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने कोविड-19 महामारी की स्थिति से निपटने में पंजाब सरकार की कथित विफलता को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गृह निर्वाचन क्षेत्र पटियाला में तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने कोविड-19 महामारी की स्थिति से निपटने में पंजाब सरकार की कथित विफलता को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गृह निर्वाचन क्षेत्र पटियाला में तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
पंजाब के सबसे बड़े किसान संघों में से एक, बीकेयू (एकता उगराहां) ने कहा कि केवल कुछ प्रदर्शनकारी ही रात भर कार्यक्रम स्थल पर रुकेंगे, जबकि बाकी अगली सुबह फिर से उनके साथ शामिल होंगे। संगठन के एक नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने में विफल रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘विभिन्न मोर्चों पर सरकार की विफलता का खामियाजा जनता भुगत रही है। कई गांवों में डॉक्टर नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर तो हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए तकनीकी कर्मियों की कमी है। निजी अस्पताल मरीजों को लूट रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र भी कोविड-19 की स्थिति से निपटने में विफल रहा है और भाजपा के कुछ नेता अब किसानों पर कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने का आरोप लगाकर उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए दोषारोपण करने की कोशिश कर रहे हैं। 
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को बीकेयू (एकता उगराहां) से आग्रह किया था कि वह अपना निर्धारित धरना आयोजित नहीं करे। उन्होंने कहा था कि उसका तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन संक्रमण फैलाने वाला बन सकता है।मुख्यमंत्री ने इस आरोप को खारिज किया था कि उनकी सरकार महामारी से निपटने में विफल रही है। 
सिंह ने कहा था कि उन्होंने पंजाब को दिल्ली, महाराष्ट्र और यहां तक ​​कि उत्तर प्रदेश जैसे कुछ अन्य राज्यों के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए कड़ा संघर्ष किया है। सिंह ने किसानों से ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ कार्य नहीं करने और अपने जीवन को खतरे में नहीं डालने का आग्रह किया था क्योंकि उनका विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा महामारी के खिलाफ लड़ाई में सभी समारोहों पर लगाये गए पूर्ण प्रतिबंध के बीच प्राप्त लाभों को खत्म कर सकता है।
उन्होंने कहा था कि इस तरह के धरने में मुख्य रूप से गांवों से लोग आएंगे, जो महामारी की दूसरी लहर के दौरान संकट से गुजर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोविड उपयुक्त व्यवहार में किसी भी तरह की ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है और किसी भी तरह का धरना पूरी तरह से अस्वीकार्य है, जब जीवन दांव पर लगा हो।
हालांकि, बीकेयू नेताओं ने कहा कि विरोध के दौरान सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि सभी ने मास्क पहना हो और धरना स्थल पर उपलब्ध कराई गई मशीनों से अपने हाथों को सैनिटाइज किया हो।

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