राजस्थान के श्रीगंगानगर में जिले में मनरेगा कार्यों में भारी घोटाले होने के आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की गई है। बीजेपी के नेता संजय मूंदड़ ने कहा कि केंद्र सरकार की मनरेगा योजना के तहत जो पैसा गरीब ग्रामीणों के लिए भेज रही है, उसमें अनियमितताएं की जा रही है। जिले में वास्तविक और पात्र ग्रामीणों को मनरेगा में काम नहीं मिल रहा। फर्जी काम दिखा कर गरीबों के हक का पैसा हड़पा जा रहा है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार की ओर से गहलोत सरकार आंख-कान बंद किए हुए है।
मॉनिटरिंग सिस्टम के पालन नहीं करने के लगाए आरोप
मूंदड़ ने कहा कि मनरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार न होने पाए, इसके लिए मोदी सरकार ने अप्रैल 2022 में नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया। नियमानुसार इसी सिस्टम पर मनरेगा श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज होनी चाहिए और काम करते श्रमिकों के फोटो भी अपलोड होने चाहिए लेकिन जिले में ऐसा न करके पैसा हड़पने के रास्ते निकाल लिए गए हैं।
मनरेगा में फेक जानकारी की जा रही है अपलोड
जिले के घड़साना एवं अनूपगढ़ पंचायत समिति क्षेत्रों में हाल में सामने आए मामले इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। इन्होंने कहा कि मनरेगा के वास्तविक काम के बजाय फर्जी काम दर्शाए जा रहे हैं। एक दिन काम करवा कर श्रमिकों के फोटो बार-बार अपलोड किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, श्रमिकों के फोटो के स्थान पर कच्चे रास्तों, दीवारों, खाले, आदि के फोटो अपलोड कर दिए गए हैं।