डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म की तुलना “मच्छरों, डेंगू, मलेरिया और कोरोना” से करने वाले बयान से कांग्रेस को दूर रखने की कोशिश करते हुए, पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख नाना पटोले ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में भागीदार किसी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने में विश्वास नहीं करता है। कांग्रेस नेता ने कहा, “हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते।
जानिए संबोधन के दौरान उदयनिधि ने क्या की थी टिप्पणी
शनिवार को चेन्नई में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, तमिलनाडु सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा, “कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता है, उन्हें केवल समाप्त किया जाना चाहिए। हम डेंगू का विरोध नहीं कर सकते।” मच्छर हो, मलेरिया हो या कोरोना, हमें इन्हें खत्म करना है। उसी तरह हमें सनातन धर्म को भी खत्म करना है। सिर्फ सनातन का विरोध करने की बजाय, इसे खत्म करना चाहिए।”
कांग्रेस किसी भी धर्म की भावना को नहीं पहुंचाता ठेस
पटोले ने दलित आइकन बीआर अंबेडकर की ‘सर्व धर्म सम भाव’ टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, “हमारा रुख स्पष्ट है। कांग्रेस न तो टिप्पणी करती है और न ही किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने में विश्वास करती है।” कांग्रेस नेता ने कहा, “हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते। लेकिन हमारी स्थिति स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई है।” गौरतलब है कि कांग्रेस और द्रमुक भी विपक्षी गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन में भागीदार हैं।