सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर लगे लॉकडाउन के कारन 19 दिनों बाद आय यानि सोमवार को द़फ्तर काम पर लौटे। काम पर लौटते ही सूचना प्रसारण मंत्री ने तेजी से कामकाज करना शुरू भी कर दिया। दफ्तर पहुंचते ही मंत्री ने सूचना सचिव रवि मित्तल, प्रिंसिपल डीजी, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो और अतिरिक्त सचिवों के साथ बैठक की।
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ चलायी जा रही योजनाओं और उनके प्रचार प्रसार की समीक्षा की गई। इस मौके पर सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि “कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टर, नर्स, पुलिस ,स्वच्छता कर्मी और इस सेवा में लगे लोग फ्रंट लाइन वॉरियर बन कर उभरे हैं। मीडिया भी इस संक्रमण के दौरान फ्रंट लाइन वॉरियर बन गये हैं। मैं सभी मीडिया कर्मियों से अनुरोध करता हूं कि अपना ध्यान रखें और सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन्स का पालन करें।”
इस बीच सूचना प्रसारण मंत्रालय के आला अधिकारियों को कहा गया है कि कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करें, ताकि उनको रोटेशन वाइज मंत्रालय में काम पर बुलाया सके। यह भी ध्यान रखने को कहा गया कि जो अधिकारी और कर्मचारी मंत्रालय के पास रहते हैं या फिर जिनके पास आने जाने का साधन हो उनको ही काम पर बुलाये जाने पर जोर दिया जाए।
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गौरतलब है कि एक तिहाई कर्मचारियों को ही पहले काम पर बुलाया जाना है। 19 दिनों बाद अधिकारी और मंत्री मंत्रालयों में काम पर लौटने लगे। ऐसा प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद हुआ है। सोमवार को सुबह 10 बजे से ही मंत्रियों और अधिकारियों का मंत्रालय में आना-जाना शुरू हो गया। ऐसा ही नजारा शास्त्री भवन में दिखा, जहां 10 से ज्यादा मंत्रालयों के दफ्तर हैं।
इस बार मंत्रालयों का नजारा कुछ और दिखा। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मंत्रालय के अंदर आ रहे से सभी गाड़ियों का सैनिटाइजेशन हो रहा रहा था, चाहे वह अधिकारी हो या फिर मंत्री का। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही सरकार ने ज्वाइंट सेक्रेट्री से ऊपर के अधिकारियों और मंत्रियों को सोमवार से काम पर लौटने को कहा था। अब जरूरी और आवश्यक समझे जाने वाले विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को भी 15 अप्रैल से काम पर बुलाने की तैयारी हो रही है।