प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को आश्वस्त किया कि केंद्र छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये जरूरी नीतिगत कदम उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि ये उद्यमी सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एमएसएमई आत्मनिर्भर भारत के लिये जरूरी है…एमएसएमई क्षेत्र ने पिछले आठ साल में आत्मनिर्भर भारत को एक आकार देने में बड़ी भूमिका निभायी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि अगले सप्ताह जीईएम पोर्टल पर एक करोड़ नये पंजीकरण हो।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये पिछले आठ साल में बजट 650 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया है।
पहली बार एक लाख करोड़ के पार गया खादी और ग्रामोद्योग
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर कोई उद्योग आगे बढ़ना चाहता है, विस्तार करना चाहता है तो सरकार न केवल उसे समर्थन कर रही है बल्कि नीतियों में जरूरी बदलाव भी ला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है, खादी बिक्री पिछले आठ साल में चार गुना बढ़ी है।
इससे पहले, मोदी ने एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने और उसे गति देने को लेकर 6,000 करोड़ रुपये की योजना ‘रैंप’ (रेजिंग एंड एक्सिलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेन्स) की शुरूआत की। साथ ही उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पहली बार निर्यात करने वाले एमएसएमई निर्यातकों के क्षमता निर्माण (सीबीएफटीई)’ की योजना शुरू की।
उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं की भी शुरूआत की। इसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिये अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना शामिल है।