कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड मामले में यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने आरोपी विकास दुबे को फरार करवाने में मदद करने वाले समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में असलहा और नगदी बरामद की है।
सोमवार को एसटीएफ कार्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने संवाददाताओं को बताया है कि फरारी के दौरान विकास दुबे की मदद करने वाले सात मददगार कानपुर देहात निवासी विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला,रामजी उर्फ राधे, अभिनव तिवारी, मध्य प्रदेश के मनीष यादव और कानपुर देहात के संजय परिहार, शुभम पाल को गिरफ्तार किया है।
बरामद हुए हथियार
एक सेमी ऑटोमैटिक राइफल
9 एमएम कार्बाइन
एक रिवॉल्वर
315 बोर के तमंचे
एके-47 के कारतूस
स्प्रिंग फील्ड राइफल
132 कारतूस
एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि विकास दुबे का आईफोन, अमर और प्रभात के मोबाइल, दो लाख पांच हजार नगद मिले हैं। साथ ही एसटीएफ ने वह कार भी बरामद कर ली है, जिससे विकास दुबे घटना को अंजाम देने के बाद फरार हुआ था। अमिताभ यश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ पर यह भी पता चला है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें एक व्यक्ति के घर पर विकास दुबे दो दिन तक रहा है।
गौरतलब है कि कानपुर के चौबेपुर के बिकरु गांव में दो,तीन जुलाई की मध्य रात्रि पुलिस दबिश पर गई थी। पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। घटना को अंजाम देने के बाद ही विकास दुबे रात में ही भागकर अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था। घटना के करीब एक सप्ताह बाद?
मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी एसटीएफ के सुपुर्द किया था। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने की कोशिश की और पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। विकास के अलावा उसके कई साथी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। इस मामले में 36 लोग जेल में हैं।