प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नवनिर्मित काशी विश्वनाथ धाम के सोमवार को होने वाले लोकार्पण को देश की सांस्कृतिक राजधानी रूप में विख्यात वाराणसी के लिए ऐतिहासिक दिन बताया है।
काशी में अपने कार्यक्रम के बारे में एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से काशी की जीवंतता और पुष्ट होगी। उन्होंने लोगों से कल के कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया।
Tomorrow, 13th December is a landmark day. At a special programme in Kashi, the Shri Kashi Vishwanath Dham project will be inaugurated. This will add to Kashi’s spiritual vibrancy. I would urge you all to join tomorrow’s programme. https://t.co/DvTrEKfSzk pic.twitter.com/p2zGMZNv2U
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2021
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 दिसंबर को वाराणसी के दौरे पर रहेंगे। मोदी 13 दिसंबर को दोपहर करीब एक बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वह करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से बने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री पहले काशी के कोतवाल काल भैरव मंदिर के करेंगे दर्शन
काशी विश्वनाथ मंदिर आने के पहले प्रधानमंत्री दोपहर लगभग 12 बजे काशी के कोतवाल काल भैरव मंदिर दर्शन करने के लिए जाएंगे। फिर शाम को करीब 06 बजे रो-रो जहाज पर सवार होकर मां गंगा की भव्य आरती देखेंगे।
दो दिवसीय वाराणसी सम्मेलन में भाग लेंगे BJP शासित राज्यों के 12 मुख्यमंत्री, 9 उप मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री दो दिवसीय काशी यात्रा के दौरान 14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के एक सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस सम्मेलन में बिहार और नगालैंड के उपमुख्यमंत्री भी भाग लेंगे।
जानिए ! दो दिवसीय वाराणसी सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रम
यह सम्मेलन शासन संचालन (गर्वनेंस) से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं या तौर-तरीकों को साझा करने का अवसर प्रदान करेगा। इतना ही नहीं, यह टीम इंडिया की भावना को आगे बढ़ने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है।
प्रधानमंत्री 14 दिसंबर को दोपहर लगभग साढ़ तीन बजे वाराणसी स्थित स्वर्वेद महामंदिर में सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिकोत्सव में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट से जोड़ने के लिए एक सुगम मार्ग के सृजन की परियोजना के रूप में श्री काशी विश्वनाथ धाम की परिकल्पना की गई। इस पुनीत कार्य को शुरू करने के लिए, 8 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा परियोजना की आधारशिला रखी गई थी।
परियोजना के पहले चरण में कुल 23 भवनों का उद्घाटन किया जाएगा। ये भवन काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान करेंगे। इनमें यात्री सुविधा केंद्र पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सिटी म्यूजियम, दर्शक दीर्घा, फूड कोर्ट आदि शामिल हैं।
इस परियोजना की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह परियोजना अब लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली हुई है। जबकि अभी तक मंदिर परिसर तकरीबन 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था। कोविड महामारी के बावजूद इस परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही पूरा कर लिया गया है।
परियोजना को रैंप, एस्केलेटर और अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया, ताकि दिव्यांगजनों और वृद्ध लोगों को पहुंचने में आसानी हो।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत यह भी सुनिश्चित किया जाना था कि परियोजना के विकास के दौरान सभी विरासत संरचनाओं को संरक्षित किया जाए। यह दूरदर्शिता तब काम आई, जब पुरानी संपत्तियों को नष्ट करने की प्रक्रिया के दौरान 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों को फिर से खोज निकाला गया। इन मंदिरों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मूल संरचना में कोई बदलाव न हो।