उत्तर प्रदेश और देश में हो रही बलात्कार की घटनाओं पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को घेरते हुये बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वत: इन घटनाओं को संज्ञान में ले और केंद्र सरकार को ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने के निर्देश दे।
मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त कदम उठाते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। केन्द्र सरकार को भी इन घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए। केन्द्र सरकार को महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिये सख्त कानून बनाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि लेकिन केंद्र की सरकार ऐसे मामलों में कार्रवाई करते हुए नजर नहीं आ रही है और इस स्थिति में हमारी पार्टी यह चाहेगी कि सुप्रीम कोर्ट इन घटनाओं को गंभीरता से ले। हैदराबाद की घटना है, उन्नाव की घटना है और भी घटनाएं आए दिन हो रही है, मैं समझती हूं कि सुप्रीम कोर्ट यदि खुद संज्ञान ले और केन्द्र को सख्त कदम उठाने के निर्देश दे तो शायद केंद्र सरकार हरकत में आ जाये।
मायावती ने कहा, “पूरे राज्य में कोई दिन ऐसा नहीं जाता है जिस दिन बलात्कार की या बलात्कार के बाद महिला की हत्या करने की या छेड़छाड़ की घटना नहीं होती हो। वैसे ऐसी घटनायें पूरे देश में हो रही है लेकिन उत्तर प्रदेश में तो अति हो रही है।”
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्नाव की घटना को मैंने काफी गंभीरता से लिया है। राज्य की राज्यपाल एक महिला है और एक महिला ही महिलाओं के दुख दर्द को समझ सकती हैं। मैंने इस मामले को लेकर राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है लेकिन राज्यपाल अभी शहर से बाहर है।”
उन्होंने कहा कि राज्यपाल से निवेदन करना चाहूंगी कि महिलाओं पर जो उत्पीड़न हो रहा है उसे रोकने के लिये वह अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभायें और समय से उचित कदम उठायें ताकि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से निभायें।”
इससे पहले मायावती ने आज सुबह ट्वीट किया, “जिस उन्नाव बलात्कार पीड़िता को जलाकर मारने की कोशिश की गई उसकी कल रात दिल्ली में हुई दर्दनाक मौत अति-कष्टदायक। इस दुःख की घड़ी में बसपा पीड़ित परिवार के साथ है। उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार को समुचित न्याय दिलाने हेतु शीघ्र ही विशेष पहल करे, यही इंसाफ का तकाज़ा और जनता की मांग है।”
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, “साथ ही, इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को राज्य सहित पूरे देशभर में रोकने के लिए राज्य सरकारों को चाहिए कि वे लोगों में कानून का खौफ पैदा करे तथा केन्द्र भी ऐसी घटनाओं को मद्देनजर रखते हुये दोषियों को निर्धारित समय के भीतर ही फांसी की सख्त सजा दिलाने का कानून जरूर बनाए।”