Uttar Pradesh: योगी सरकार दिला सकती है यूपी की ओबीसी उपजातियों को आरक्षण - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Uttar Pradesh: योगी सरकार दिला सकती है यूपी की ओबीसी उपजातियों को आरक्षण

सीएम योगी की सरकार उन 18 ओबीसी उपजातियों को आरक्षण देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिन्हें अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।

सीएम योगी की सरकार उन 18 ओबीसी उपजातियों को आरक्षण देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिन्हें अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।  सरकार इन उपजातियों को 27 प्रतिशत ओबीसी कोटे के दायरे में आरक्षण देने की योजना बना रही है। हालांकि प्रस्ताव की अंतिम रूपरेखा पर अभी फैसला होना बाकी है। 
मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र को भेजने से पहले इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा के दोनों सदनों में विधेयक के रूप में पारित कराना होगा और राज्य मंत्रिमंडल में भी लेना होगा। विचाराधीन 18 उपजातियों में मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोदिया, मांझी और मछुआ शामिल हैं। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, ‘राज्य सरकार निश्चित रूप से इन सब-कास्ट को राहत देना चाहती है।’
ओबीसी सामूहिक रूप से उत्तर प्रदेश में है सबसे बड़ा वोटिंग ब्लॉक 
बता दें, केवट, मल्लाह, बिंद, निषाद और मांझी जैसी उपजातियां निषाद समुदाय के अंतर्गत आते हैं, जो वास्तव में काफी समय से अनुसूचित जाति के दर्जे की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक ओबीसी सब-कास्ट को एससी सूची में शामिल करने का सवाल है, इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत करना होगा। ओबीसी सामूहिक रूप से उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा वोटिंग ब्लॉक है और कुल आबादी का लगभग 45 प्रतिशत है।
हालांकि, अधिक शक्तिशाली पिछड़ा वर्ग यादवों, पटेलों और जाटों पर आरोप लगाया गया है कि वे राज्य संस्थानों में नौकरियों/एडमिशन का एक बड़ा हिस्सा हड़प लेते हैं। 2001 में, जब राजनाथ सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे, हुकुम सिंह की अध्यक्षता वाली एक समिति ने ओबीसी के उप-वर्गीकरण की सिफारिश की थी, जिसमें यादवों को केवल 5 प्रतिशत और एमबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण आवंटित किया गया था। इस पर राज्य हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।

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