पूरी दुनिया में एक मां ही अपने बच्चे के सबसे करीब होती है। मां अपने हर बच्चे से बराबर प्यार करती है और मां चाहे किस भी हालात में हो, वो अपने बच्चों को कभी खुद से दूर नहीं करती है और उन पर प्यार लुटाती रहती हैं। मां का अपने बच्चे को चूमना कोई नई बात नहीं है लेकिन एक मां के लिए ऐसा करना उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती बन गई। जिस बात का पछतावा उन्हें लाइफ टाइम रहेगा।
प्रेग्नें सी में कई ऐसी दिक्क तें होती हैं जो हमें परेशान कर देती हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान खासतौर पर डॉक्टर जच्चा-बच्चा दोनों का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं। दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का अपने पहले बच्चे के साथ खाना-पीना और उसे प्यार करना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है लेकिन पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली 38 साल की मेलिसा हॉवर्ड को ये सब करना बहुत भारी पड़ गया।
दरअसल, मेलिसा ने अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान अपने पहले बच्चे को चूम लिया था और उसके साथ खाना भी खा लिया था। इस वजह से वो दुर्लभ संक्रमण साइटोमेगालोवायरस या सीएमवी की चपेट में आ गई थी। इस बीमारी की वजह से उनके पेट में पल रहा बच्चा भी विकलांगता का शिकार हो गया। हैरान करने वाली बात ये है कि मेलिसा खुद एक नर्स हैं और इसके बावजूद वो खुद इस बीमारी का शिकार हो गई।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये साइटोमेगालोवायरस क्या होता है और कैसे फैलता है। तो आपको बता दें कि ये वायरस मुंह के लार और शारीरिक तरल पदार्थों से फैलता है। इसके लक्षण हल्के होते हैं इसलिए समय पर इसका इलाज नहीं हो पाता है। फिर आगे चलकर ये वायरस आपके खून के माध्यम से आपके पेट में पल रहे बच्चे तक पहुंच जाता है और उसे भी संक्रमित कर देता है।
ये बात जानकर आपके होश उड़ जाएंगे कि इस वायरस के कारण होने वाले बच्चेज को सेरेब्रल पाल्सी और बहरापन जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। सीएमवी आपके शरीर में रहता है और जब आप कमजोर हो जाते हैं, इस वजह से दाद जैसे बाकि हर्पीस वायरस की तरह ये दोबारा एक्टिव हो जाता है। मेलिसा ने बताया कि पहले डॉक्टरों को इस वायरस के बारे में पता ही नहीं चला।
34 वीक के बाद जब उनके दूसरे बेटे ह्युई का जन्म हुआ तो वो काफी कमजोर था और उसकी पूरी बॉडी पर दाने थे। ह्युई को जन्म के 3 महीनों तक निमोनिया था, इलाज नहीं हो पाया तो उसके बाएं फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया। जब वो 4 साल का हुआ तो हमें पता चला कि उसके मस्तिष्क में कैल्सीफिकेशन हो गया। पांच साल के ह्युई के लेफ्ट कान से अधिकांश और राइट कान से कुछ सुनाई देना बंद हो गया है।
डॉक्टरों ने ह्युई को होने वाली सभी परेशानियों को जोड़ते हुए डॉक्टरों ने पहली बार सीएमवी को एक बीमारी के रूप में माना। डॉक्टररों ने कहा कि मेरे दूसरे बेटे को जेनेटिक तौर पर डीएमएनटी1 प्रॉब्ल म हो गई थी। ये बीमारी इतनी दुर्लभ है कि इसे पहले कभी नहीं देखा गया है। ह्युई के इलाज के बाद फिलहाल उसकी मसल्सए सही से काम कर रही हैं और वो अब नियमित रूप से चल सकता है।