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Madhya Pradesh में रेस्क्यू किए गए तेंदुए की हालत में नहीं कोई सुधार, अब भी जिंदगी और मौत के बीच में लड़ रहा है तेंदुआ

पशुचिकित्सक के मुताबिक तेंदुए को उस समय कुछ देर के लिए कुछ भी नहीं दिख रहा था। मालूम हो, जब तेंदुआ यहां आया तो उसे हर आधे घंटे में दौरे पड़ रहे थे, जो मिर्गी जैसा था। तेंदुए का पूरा शरीर अकड़ रहा था। वहीं काफी देर तक भूखे-प्यासे रहने के कारण तेंदुए को डिहाइड्रेशन भी हो गया था।

बीते दिनों मध्यप्रदश के देवास जिले के एक गांव में तेंदुए को पालतू जानवर की तरह घूमाने की खबर सामने आई थी। जिसके बाद उसे रेस्क्यू किया गया  और इलाज के लिए इंदौर में भेजा गया था। वहीं शुक्रवार रात ये खबर सामने आई थी, कि इलाज के दौरान तेंदूए ने दम तोड़ दिया है। लेकिन की गई जांच में मालूम पड़ा है कि तेंदुआ अभी भी जिंदा है और उसका इलाज इंदौर में चल रहा है। 
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर आया सामने
कमला नेहरू प्राणि संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया, तेंदुए को बुधवार सुबह लगभग 10 बजे देवास वन क्षेत्र से लाया गया था। जहां 11 बजे उसका इलाज शुरू किया गया था। शुरुआती लक्षण देखे गए, तो वे न्यूरोलॉजिकल लग रहे थे। बता दें, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में जानवर अपनी मूल पहचान भूल जाते है। वहीं डॉ. उत्तम यादव आगे बताते है कि ग्रामिण तेंदुए के साथ पालतू जानवर की तरह व्यवहार कर रहे थे, उसे पुचकार रहे थे। लेकिन वे बिल्कुल सुस्त था, ना दाहड़ रहा था और ना ही किसी पर हमला कर रहा था, ऐसे में ये न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के संकेत ही लग रहे है।
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तेंदुए को पड़ रहे थे मिर्गी जैसे दौरे
वहीं पशुचिकित्सक के मुताबिक तेंदुए को उस समय कुछ देर के लिए कुछ भी नहीं दिख रहा था। मालूम हो, जब तेंदुआ यहां आया तो उसे हर आधे घंटे में दौरे पड़ रहे थे, जो मिर्गी जैसा था। तेंदुए का पूरा शरीर अकड़ रहा था। वहीं काफी देर तक भूखे-प्यासे रहने के कारण तेंदुए को डिहाइड्रेशन भी हो गया था।
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बता दें, स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर की टीम तेंदुए के सैंपल लेने के लिए पहुंची थी। जिसमें तेंदुए के किए गए टेस्ट में पता चला है की तेंदुए की उम्र करीब 10 साल है। उसके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर तेंदुए को परेशान करने वाली वीडियो ने सबको विचलित कर दिया है।

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