Main Highlights
- चाँद पर कदम रखने वाला पहला व्यक्ति
- क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस
- भारत और चाँद का सफर
आज 20 जुलाई का दिन है जो अतंरिक्ष और चाँद के पर इंसानी कदम के नजरिये से काफी महत्वपूर्ण है। आज के ही दिन 1969 में इंसानों ने पहली बार चाँद पर कदम रखा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
20 जुलाई 1969 को अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन चंद्रमा पर उतरे थे। जिस जगह पर इनकी लैंडिंग हुई थी उस जगह को उन्होंने ट्रैंक्विलिटी बेस नाम दिया था। आज उसी की याद और सभी को उसके बारे में जानकारी देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाया जाता है।
इंसानों ने पहली बार अमेरिकी नासा के अपोलो 11 मिशन के तहत चंद्रमा पर उतरे थे। संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने साल 2021 में “बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग” पर अपने संकल्प 76/76 में इसे एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
तब से पूरी दुनिया आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस के रूप में मनाने लगी। आज इसके साथ हम आपको ये भी बता रहे है कि भारत का चाँद तक का सफर कैसे और कब से शुरू हुआ।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार चाँद मिशन
बाहरी अंतरिक्ष मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, “चंद्रमा पर मनुष्यों की पहली लैंडिंग की सालगिरह का सम्मान करने के लिए 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस के रूप में चुना गया था। यह अपोलो 11 मिशन द्वारा पूरा किया गया था।
जिसके दौरान नील आर्मस्ट्रांग और एडविन ‘बज़ ‘ एल्ड्रिन ने पहले इंसान के रूप में चंद्रमा की सतह पर कदम रखा, जबकि माइकल कोलिन्स चंद्रमा की कक्षा में कोलंबिया कमांड मॉड्यूल में उनकी वापसी का इंतजार कर रहे थे।
भारत का चाँद मिशन
भारत ने अपना चाँद मिशन साल 2008 में लॉन्च किया था जिसका नाम चंद्रयान-1 दिया गया था। पहले चंद्रयान-1 का मुख्य उद्देश्य चाँद पर पानी खोजना था। इसके बाद चंद्रयान-2 को लॉन्च गया। जिसमें एक लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर को भेजा गया था, लेकिन इसका लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका।
जिस कारण मिशन को पूरी तरह से सफल नहीं कहा गया, पर आज भी उसका रोवर सही काम कर रहा है। अब हाल ही में 14 जुलाई को भारत ने अपना चंद्रयान-3 मिशन का सफलता पूर्वक लॉन्चिंग कर, अपने कदम चाँद की तरफ बढ़ा दिए है। अब दुनिया भर की नजर चाँद पर है पर है। हर देश किसी न किसी मिशन से चाँद और अतंरिक्ष पर अपनी पहुंच को पक्का करना चाह रहा हैं।