वाशिंगटन : सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला अमेरिकी नीतियों के अनुरूप है क्योंकि युद्ध से जर्जर इस देश में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी आईएसआईएस को खत्म करने के लिए थी, गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए नहीं। ट्रंप के फैसले को समयपूर्व बताकर उसकी आलोचना किए जाने के बाद व्हाइट हाउस ने यह बयान दिया है। इस बयान से पहले ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट को हरा दिया है।
व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका ने सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी की पुरानी नीति से बेहद अलग होने के कारण इस फैसले से विदेशी सहयोगी और सांसद आश्चर्यचकित हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने से अमेरिका के दुश्मनों को खुशी होगी और देश में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता के लिए तथा रूस और ईरान के लिए रास्ता साफ होगा। वाल स्ट्रीट जर्नल ने इसे ट्रंप प्रशासन का आकस्मिक फैसला बताया है।
सीरिया में फिलहाल 2,000 अमेरिकी सैनिक हैं। ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि सीरिया में वर्षों से आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रही अमेरिकी सेना को अब घर वापस बुलाने का वक्त आ गया है। बुधवार को ट्विटर पर पोस्ट एक वीडियो संदेश में आईएस जिहादियों की हार की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘हम जीत गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें हरा दिया है और उन्हें बुरी तरह हराया है। हमने जमीन वापस ले ली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारे लड़के, युवतियां, हमारे लोग…. वे सभी वापस आ रहे हैं।’’ वाशिंगटन में सीरिया से 2000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की खबरों के बीच ट्रंप का यह संदेश आया है। अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने इस पर अंतिम फैसला मंगलवार को लिया।