जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि वे उन तत्वों पर कड़ी नजर रख रहे हैं, जो कश्मीर घाटी में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए फिलिस्तीन की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने एक बयान में कहा, हम एक पेशेवर फोर्स हैं और जनता की पीड़ा के प्रति संवेदनशील हैं। लेकिन साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस की कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने की कानूनी जिम्मेदारी भी है।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि वह कश्मीर की सड़कों पर हिंसा, अराजकता और अव्यवस्था को सहन नहीं करने वाले हैं। इसने कहा कि वह किसी भी कीमत पर जनता के गुस्से को हिंसक तरीके से भुनाने की अनुमति नहीं देंगे। पुलिस बल ने कहा कि राय व्यक्त करना एक स्वतंत्रता है, लेकिन सड़कों पर हिंसा भड़काना गैरकानूनी है।
पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, सभी गैर-जिम्मेदार सोशल मीडिया टिप्पणियां, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक हिंसा और कोविड प्रोटोकॉल सहित कानून का उल्लंघन होता है, कानूनी कार्रवाई को आकर्षित करेंगी।
कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में लागू लॉकडाउन के 17वें दिन शनिवार को भी अधिकतर इलाकों में आम जन-जीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन के साधन भी सड़कों से नदारद दिखे।
हालांकि यहां शहर के कुछ इलाकों और घाटी तथा जम्मू क्षेत्र में अन्य जिला मुख्यालयों में निजी कारें सड़कों पर चलती दिखाई दीं। अधिकारियों ने कहा कि लोगों की आवाजाही और उनके जमा होने पर पाबंदियां लागू हैं, लेकिन इनमें सख्ती नहीं बरती जा रही।
जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर प्रशासन ने 29 अप्रैल को 11 जिलों में कर्फ्यू लागू किया था, जिसे अगले दिन सभी 20 जिलों में लागू करने की घोषणा की गई। इसकी अवधि भी 17 मई तक बढ़ा दी गई।