पटना,:राजधानी के डाक बंगला चौराहा पर सियासी दल, कांग्रेस, राजद, भाकपा, जाप, एनसीपी, रालोसपा, जनतांत्रिक विकास पार्टी के नेता एवं कार्यकर्त्ताओं ने प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कृषि बिल को रद्द करने का मांग किया। किसान संगठनों द्वारा आहूत बंदी को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध कुमार यादव एवं राजद पटना जिलाध्यक्ष देवमुनी सिंह यादव के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ता पटना के सड़कों पर उतरकर बंद को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया।
किसान विरोधी तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग को दुहराते हुए सुबोध यादव ने कहा कि यह कानून सिर्फ किसानों को ही क्षति नहीं पहुंचायेगी बल्कि देश के तमाम मध्यवर्गीय और गरीब परिवार जो आसानी से अपना भरण-पोषण कर रहे हैं उनके पहुंच से रोटी को दूर करने की एक साजिष है। इससे खाने-पीने का सामान, सामान्य व्यक्ति के पहुंच से बाहर हो जायेगा। किसानों के फसल को काला बाजारी करने वाले लोग सस्ते दामों पर खरीद और भंडारण कर महंगे दामों में बेचने का काम करेंगे। आज जो आटा 30 रूपये किलो मिल रहा है वह 60 रूपये किलो मिलेगा कि 90 रूपये किलो मिलेगा यह किसान या सरकार नहीं बल्कि पूंजीपति तय करेंगे।
राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव सह पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सरकार यह तय करे कि किसी भी किसान को अपने फसलों को बेचने के लिए दर-दर की ठोकर नहीं खानी पड़े और उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। भारत में उत्पादन होने वाले फसलों को अन्य देषों से आयात करना बंद कर भारत के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार को नीति और कानून बनाने की आवष्यकता है।
मौके पर विधायक राकेश कुमार रौषन, पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह, प्रदेष उपाध्यक्ष मो. हुसैन राही, प्रदेष प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी, सारिका पासवान, प्रदेष महासचिव मदन शर्मा, निराला यादव, चन्देष्वर प्रसाद सिंह, डाॅ. प्रेम कुमार गुप्ता, निर्भय अम्बेदकर, डाॅ. उर्मिला ठाकुर, धर्मेन्द्र पटेल, संजय कुमार यादव, प्रमोद कुमार राम, विनोद यादव, ई. दुर्गेष यादव, भाई अरूण कुमार, खुर्षीद आलम सिद्दिकी, उपेन्द्र चन्द्रवंषी, उमेष यादव, अरूण कुमार यादव, शैलेष कुमार, ओमप्रकाष चैटाला, दिनेष पासवान, शैलेष कुमार, प्रमोद कुमार सिन्हा, उमेष चन्द्रवंषी, गुलाम रब्बानी, सरदार रंजीत सिंह, षिवेन्द्र कुमार तांती, रामराज कुमार, जेम्स कुमार यादव, सोनू विष्वास, मनोज कुमार यादव, नगीना यादव, कौषल शर्मा, मुकेष यादव, डाॅ.गौतम कृष्ण, फुदेना रविदास, विपिन सम्राट, अभिषेक कुमार चन्द्रवंषी, अजय यादव, अषोक कुमार, इन्द्रजीत कुमार यादव सहित सैंकड़ों नेता-कार्यकर्ता शामिल थे।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने आज किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद के समर्थन में पटना के प्रमुख चौराहों को जाम किया। बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा के नेतृत्व में बोरिंग रोड में सुबह से कांग्रेसजन ने जाम लगाया। उसके बाद इनकम टैक्स चौराहे पर जाम लगाकर किसानों के समर्थन में बिहार कांग्रेस के नेताओं ने किसान विरोधी बिल वापसी को लेकर नारेबाजी की। अंत में डाकबंगला चौराहे को पूरी तरीके से जाम कर दिया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों के हित में सदैव काम किया है और किसानों के भारी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आज कांग्रेसजन सड़कों पर उतरे हैं।
उन्होंने बताया कि बिहार कांग्रेस किसान विरोधी कानून को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन करती है। केंद्र की सरकार पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बनकर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूंजीपति मित्रों के लिए किसान और युवा विरोधी कानूनों को रोजाना लागू कराने पर तुली है। उन्होंने कहा कि जब कानून किसानों के हित में कहकर लाया गया और किसान ही आंदोलन कर उस कानून को काला कानून कह रहे हैं तो मोदी सरकार को इसे वापस लेने में दिक्कत क्या है ये समझ से परे है।
कांग्रेस द्वारा भारत बंद के समर्थन में अवधेश कुमार सिंह, विधायक प्रतिमा दास, प्रवक्ता राजेश राठौड़, लाल बाबु लाल, पूनम पासवान, बंटी चौधरी, नागेंद्र पासवान विकल, प्रवीण कुशवाहा, अम्बुज किशोर झा, आनंद माधव, मिन्नत रहमानी, गुंजन पटेल, शशि रंजन, अनोखा देवी, कुमारी अनीता, अजय यादव, मृणाल अनामय, सिद्धार्थ क्षत्रिय, वेंकटेश रामन, अमित कुमार, मुकुल यादव, राजीव सिन्हा, बिट्टू यादव, प्रदुमन यादव आदि सहित सैंकड़ों कांग्रेसजन ने भारत बंद में अपनी सहभागिता दिखाई।पटना, (संवाददाता): नयी कृषि कानून के विरोध में किसान संगठन के आह्वान पर आहुत भारत बंद के समर्थन में राजधानी के डाक बंगला चौराहा पर सियासी दल, कांग्रेस, राजद, भाकपा, जाप, एनसीपी, रालोसपा, जनतांत्रिक विकास पार्टी के नेता एवं कार्यकर्त्ताओं ने प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कृषि बिल को रद्द करने का मांग किया।
किसान संगठनों द्वारा आहूत बंदी को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध कुमार यादव एवं राजद पटना जिलाध्यक्ष देवमुनी सिंह यादव के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ता पटना के सड़कों पर उतरकर बंद को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया। किसान विरोधी तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग को दुहराते हुए सुबोध यादव ने कहा कि यह कानून सिर्फ किसानों को ही क्षति नहीं पहुंचायेगी बल्कि देष के तमाम मध्यवर्गीय और गरीब परिवार जो आसानी से अपना भरण-पोषण कर रहे हैं उनके पहुंच से रोटी को दूर करने की एक साजिष है। इससे खाने-पीने का सामान, सामान्य व्यक्ति के पहुंच से बाहर हो जायेगा। किसानों के फसल को काला बाजारी करने वाले लोग सस्ते दामों पर खरीद और भंडारण कर महंगे दामों में बेचने का काम करेंगे। आज जो आटा 30 रूपये किलो मिल रहा है वह 60 रूपये किलो मिलेगा कि 90 रूपये किलो मिलेगा यह किसान या सरकार नहीं बल्कि पूंजीपति तय करेंगे।
राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव सह पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सरकार यह तय करे कि किसी भी किसान को अपने फसलों को बेचने के लिए दर-दर की ठोकर नहीं खानी पड़े और उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। भारत में उत्पादन होने वाले फसलों को अन्य देषों से आयात करना बंद कर भारत के किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार को नीति और कानून बनाने की आवष्यकता है।मौके पर विधायक राकेश कुमार रौषन, पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह, प्रदेष उपाध्यक्ष मो. हुसैन राही, प्रदेष प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी, सारिका पासवान, प्रदेष महासचिव मदन शर्मा, निराला यादव, चन्देष्वर प्रसाद सिंह, डाॅ. प्रेम कुमार गुप्ता, निर्भय अम्बेदकर, डाॅ. उर्मिला ठाकुर, धर्मेन्द्र पटेल, संजय कुमार यादव, प्रमोद कुमार राम, विनोद यादव, ई. दुर्गेष यादव, भाई अरूण कुमार, खुर्षीद आलम सिद्दिकी, उपेन्द्र चन्द्रवंषी, उमेष यादव, अरूण कुमार यादव, शैलेष कुमार, ओमप्रकाष चैटाला, दिनेष पासवान, शैलेष कुमार, प्रमोद कुमार सिन्हा, उमेष चन्द्रवंषी, गुलाम रब्बानी, सरदार रंजीत सिंह, षिवेन्द्र कुमार तांती, रामराज कुमार, जेम्स कुमार यादव, सोनू विष्वास, मनोज कुमार यादव, नगीना यादव, कौषल शर्मा, मुकेष यादव, डाॅ.गौतम कृष्ण, फुदेना रविदास, विपिन सम्राट, अभिषेक कुमार चन्द्रवंषी, अजय यादव, अषोक कुमार, इन्द्रजीत कुमार यादव सहित सैंकड़ों नेता-कार्यकर्ता शामिल थे।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने आज किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद के समर्थन में पटना के प्रमुख चौराहों को जाम किया। बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा के नेतृत्व में बोरिंग रोड में सुबह से कांग्रेसजन ने जाम लगाया। उसके बाद इनकम टैक्स चौराहे पर जाम लगाकर किसानों के समर्थन में बिहार कांग्रेस के नेताओं ने किसान विरोधी बिल वापसी को लेकर नारेबाजी की। अंत में डाकबंगला चौराहे को पूरी तरीके से जाम कर दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों के हित में सदैव काम किया है और किसानों के भारी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आज कांग्रेसजन सड़कों पर उतरे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार कांग्रेस किसान विरोधी कानून को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन करती है। केंद्र की सरकार पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बनकर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पूंजीपति मित्रों के लिए किसान और युवा विरोधी कानूनों को रोजाना लागू कराने पर तुली है। उन्होंने कहा कि जब कानून किसानों के हित में कहकर लाया गया और किसान ही आंदोलन कर उस कानून को काला कानून कह रहे हैं तो मोदी सरकार को इसे वापस लेने में दिक्कत क्या है ये समझ से परे है।
कांग्रेस द्वारा भारत बंद के समर्थन में अवधेश कुमार सिंह, विधायक प्रतिमा दास, प्रवक्ता राजेश राठौड़, लाल बाबु लाल, पूनम पासवान, बंटी चौधरी, नागेंद्र पासवान विकल, प्रवीण कुशवाहा, अम्बुज किशोर झा, आनंद माधव, मिन्नत रहमानी, गुंजन पटेल, शशि रंजन, अनोखा देवी, कुमारी अनीता, अजय यादव, मृणाल अनामय, सिद्धार्थ क्षत्रिय, वेंकटेश रामन, अमित कुमार, मुकुल यादव, राजीव सिन्हा, बिट्टू यादव, प्रदुमन यादव आदि सहित सैंकड़ों कांग्रेसजन ने भारत बंद में अपनी सहभागिता दिखाई।अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान आज आहूत भारत बंद के दौरान डाकबंगला चौराहा को भाकपा-माले, वामपंथी व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने घंटों जाम करके रखा। इसके पूर्व स्टेशन परिसर स्थित बुद्धा स्मृति पार्क से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से आज का बंद आरंभ हुआ।
बंद के कार्यक्रम का नेतृत्व किसान महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नेता व विधायक सुदामा प्रसाद, वरिष्ठ नेता केडी यादव, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, कृपानारायण सिंह आदि नेताओं ने किया। भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, आशा कार्यकर्ताओं की नेता शशि यादव, फुलवारी विधायक व खेग्रामस के बिहार राज्य सचिव गोपाल रविदास, रसोइया संघ की नेता सरोज चौबे, ऐक्टू नेता आरएन ठाकुर व रणविजय कुमार, वरिष्ठ माले नेता राजाराम, मुर्तजा अली आदि नेतागण भी मार्च में शामिल थे। बंद में भाकपा-माले सहित सीपीआई, सीपीआईएम, एसयूसीआईसी, आइसा, इनौस, ऐपवा के कार्यकर्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अखिल भारतीय किसान सभा-केदार भवन और अखिल भारतीय किसान सभा-जमाल रोड के सचिव क्रमशः अशोक कुमार और सोने लाल प्रसाद, एटक नेता अजय कुमार, राजद नेता देवमुनि यादव, बबन यादव, सीटू नेता गणेश सिंह आदि नेताओं ने सभा को संबोधित किया।
विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। उन्होंने दिल्ली के ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों ने दिल्ली पहुंचने वाले अधिकांश मार्गों को अवरूध कर दिया है। यह कंपनी राज के खिलाफ लड़ाई है। मोदी सरकार द्वारा देश की खेती व किसानी को अंबानी-अडाणी के हाथों नीलाम कर देने के इन कानूनों को देश के किसान कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में बुलाए गए भारत बंद के समर्थन कर जाप अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि किसानों और मजदूरों के अधिकारों को छिना जा रहा है। किसान अपने जीवन को बचाने के लिए आज अपना खेत छोड़ सड़क पर उतरा है. केंद्र सरकार की नजर किसानों की जमीन पर है।सरकार सस्ते दाम पर किसानों की जमीन को पूंजीपतियों को देना चाहती है। पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा के सहयोगी दल भी आज उसका साथ छोड़ रहे हैं।कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल अलग हो गई। प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटा दिया।पंजाब और हरियाणा के खिलाड़ी भी अपना पुरस्कार लौटा रहे हैं।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राधवेंद्र सिंह कुशवाहा, युवा अध्यक्ष राजू दानवीर, प्रेमचंद सिंह, हरे राम महतो, राजेश रंजन पप्पू, अवधेश लालू सहित पार्टी के अन्य एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहें।किसान आंदोलन के समर्थन में आज बिहार प्रदेश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष राणा रणवीर सिंह के नेतृत्व में पार्टी के सैकड़ों नेता एवं कार्यकर्ताओं ने आज भारत बन्द के तहत पटना के सड़कों पर उतरकर केन्द्र सरकार के कार्यालयों जैसे आयकर विभाग के कार्यालय, राष्ट्रीयकृत बैंकों, बिहार सरकार के कार्यालयों एवं यातायात को पूरी तरह बन्द कराया।
कार्यकर्तओं को संबोधित करते हुए राणा रणवीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के किसानों बर्बाद करने की साजिश रची है लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी देश के किसानों के साथ है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार साहब ने नई कृषि नीति को किसी भी क़ीमत पर लागू नहीं करने देगें। श्री पवार हमेशा से ही किसानों की हितों को लेकर चिंतित रहते हैं।
श्री राणा ने आगे कहा कि जिस तरह से शान्ति पूर्वक किसानों का आंदोलन चल रहा है उससे लगता है कि सम्पूर्ण देश के किसान अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हो गए हैं और जब जब इस देश के किसानों ने आंदोलन छेड़ा है सरकारें जमीदोंज हो गई है वह समय अब दूर नहीं जब किसान आंदोलन की आग में नरेंद्र मोदी की सरकार जल जायेगी। भारत बन्द में धर्मेंद्र सिंह, जयप्रकाश राय, वीरेन्द्र सिंह छोटू, राहत क़ादरी, सूर्यभूषण पाण्डे शामिल थे।
जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्त्ता भारत बंद का समर्थन कर सड़क पर उतरे। किसान विरोधी कानून के खिलाफ पार्टी प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज भारत सरकार किसानों को कार्पोरेट के हवाले करना चाहती है। किसानों के सभी उपज को एम.एस.पी. के अन्तर्गत जब तक खरीद की गारंटी नहीं होगी तब तक किसान बेहाल रहेगें। हमारी पार्टी अन्तिम दम तक किसानों की हितों की रक्षा के लिए खड़ी रहेगी।
भारत बंद के समर्थन में रालोसपा के प्रदेश अभियान समिति के अध्यक्ष जीतेन्द्र नाथ, प्रदेश प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रेखा गुप्ता, बी.के.सिंह, पटना महानगर अध्यक्ष खुर्शीद अहमद प्रदेश उपाध्यक्ष बबन यादव, अख्तर नेहाल, अभियान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा अभिषेक कुशवाहा, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चन्द्रवंशी, युवा रालोसपा के अध्यक्ष हिमांशु पटेल, संजय मेहता, मोहन यादव, अशोक कुशवाहा, केतन कुमार, उपेन्द्र पासवान, मनोजकान्त रवि प्रताप कश्यप, राम शरण कुशवाहा, अवध किशोर मौर्या, राजदेव आदि नेता उपस्थित थे।
अनिल कुमार ने कहा कि एनडीए सरकार जैसे–तैसे भारत विरोधी कानून बना रही है, जिससे देश की जनता को नुकसान हो रहा है। यह बंद उनके मंसूबों पर करारा तमाचा है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि देश केवल अडानी – अंबानी से नहीं है, इसलिए हम मांग करते हैं कि समाज, लोकतंत्र और भारत विरोधी कानून वापस लें। वरना आंदोलन और तेज होगा।