ये पूरी दुनिया अलग-अलग प्रकार के जीव और जंतु से भरी हुई है सभी का अपना रहन-सहन और अपने काम-काज की दुनिया होती है जन्म से लेकर उनके मरण तक की सारी रीति-रिवाज आदि भी एक दूसरे से अलग होते है इनमे से कुछ रीति-रिवाज तो ठीक है लेकिन कुछ ऐसी है जो आपको सोचने पे मजबूर कर दे है ये बात इस कारण आज हो रही है क्योकिं कुछ रीति-परंपरा तो ठीक है लेकिन कुछ ऐसी भी है जिसको सुनने के बाद आप भी सोच में पर जायेंगे |
हमारे देश में मरने के बाद या तो उनकी मृत शरीर जला दिया जाता है या दफना दिया जाता है लेकिन इस दुनिया में ऐसे देश भी जहां मरने के बाद मृत शरीर को खाया जाता है और राख का सूप बना कर पी लेते है| दरअसल दक्षिण अमेरिका देश में पाए जाने वाली यानोमानी जनजाति के लोगों के यहाँ की परम्परा है की वो अपनों के मरने के बाद या तो उनको खा जाते है या उनका मृत शरीर को जला कर बचा हुआ राख को सूप बना कर पी जाते हैं।
यानम या सेनेमा के नाम से मशहूर इस ट्राइब में अंतिम संस्कार के बाद शरीर को पतों और दूसरी चीजों से ढक दिया जाता है फिर 30 या 40 दिनों के बाद उनके शरीर को वापस ला के उनके बॉडी को जलाते है और बचे हुए राख से सूप बना कर पी जाते है इस रिवाजो का यहां हर कोई पालन करता है इन परंपरा को को एंडोकैनिबेलिज़्म कहा जाता है कहते है कि इनसे उनके अपने जो मर चुके होते है उनको शांति मिलती है| आगे आअदमी मरता है तो उनका राख सिर्फ महिलाये खाती है और उनका अंतिम संस्कार भी बिकलुक अलग तरीके से किया जाता है| यानोमानी ट्राइब अमेज़न के जंगलों में रहते हैं और इनके करीब 200-250 गांव है|