उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद से एक ऐसी खबर आ रही है, जिसे सुनकर सियासी गलियारों में खलबली मच गई। यहां बसपा में टिकट की बिक्री का मामला कोतवाली पहुंचा है। पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राईन पर लाखों रुपये लेने का आरोप लगा है। बसपा नेता अरशद राणा ने आरोप लगाया कि उनसे टिकट के नाम पर 67 लाख रुपये हड़पे गए हैं।और ऐसा ना करने पर मयावती के आवास के बाहर आत्मदाह करने की धमकी भी दी है।
पुलिस थाने में बैठकर रोने का वीडियो वायरल
मुजफ्फरनगर के बसपा नेता अरशद राणा पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचे कि उनकी ही पार्टी के नेताओं ने उनके साथ धोखा किया है। पार्टी के ही एक नेता ने टिकट दिलाने के नाम पर पैसे ले लिए और टिकट भी नहीं दिया। उन्हें इस बात का एहसास तब हुआ जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चरथावल विधानसभा सीट से पार्टी ने सलमान सईद को प्रत्याशी बनाया है। पुलिस के सामने अरशद राणा रोते हुए दिखाई दिए, जिसका वीडियो फिलहाल वायरल हो रहा है।
67 लाख रूपये लेकर भी टिकट नहीं देने का आरोप
दरअसल एक फेसबुक पोस्ट के जरिये अरशद राणा ने अपनी पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अरशद राणा का आरोप है कि ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने टिकट के बदले पैसे की मांग की थी। मैंने लगभग 67 लाख रूपये दिए लेकिन मेरी जगह किसी और को टिकट दे दिया गया है। अब तक मैं चुनाव प्रचार में भी 15 लाख रूपये से अधिक खर्च कर चुका हूं। अब शमसुद्दीन राइन मेरा फोन नहीं उठा आ रहे हैं जबकि जिलाध्यक्ष ने कहा कि पैसा वापस मिल जायेगा लेकिन अभी तक मुझे एक रुपया वापस नहीं मिला है।’
पैसा वापस नहीं मिलने पर आत्मदाह की धमकी
मुज्जफरनगर चरथावल विधानसभा के बसपा क्षेत्र प्रभारी अरशद राणा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि ‘चुनाव नजदीक आने पर बसपा के नेताओं ने उन्हें इग्नोर करना शुरू कर दिया और टिकट भी किसी और को दे दिया। अगर मेरा पैसा वापस नहीं मिला तो मैं बसपा सुप्रीमों मायावती के आवास के बाहर आत्मदाह कर लूंगा।’
चुनावी प्रचार से क्यों दूर हैं बसपा सुप्रीमों?
बसपा सुप्रीमों मायावती पर इस बार चुनाव से दूर रहने का आरोप लग रहा है। इसके पीछे की वजह ये है कि मायावती ने पिछले दो महीने में एक भी रैली को संबोधित नहीं किया है और जब पार्टी ने सभाओं को आयोजित करने का मन बनाया तो कोरोना वायरस के चलते सभा, रैली और चुनावी भीड़ इकट्ठा करने पर रोक लग गई। अब बसपा वर्चुअली रैली की तैयारी कर रही है।
बसपा प्रवक्ता का कहना है कि चुनावी रैलियों पर 15 जनवरी तक प्रतिबंध है। अगर प्रतिबंध को आगे बढ़ाया जाता है तो चिंता की बात है। वर्चुअली रैली के लिए हमारे पास बीजेपी के जैसे संसाधन नहीं है। ऐसे में हम अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए कैडर के जरिए डोर-टू-डोर प्रचार करेंगे।