पाकिस्तान सरकार ने हर जिले में बलात्कार-रोधी संकट प्रकोष्ठ स्थापित करने का लिया निर्णय - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

पाकिस्तान सरकार ने हर जिले में बलात्कार-रोधी संकट प्रकोष्ठ स्थापित करने का लिया निर्णय

पाकिस्तान में बलात्कार, उत्पीड़न और यौन शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने देश के हर जिले में बलात्कार-रोधी संकट प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया है।

पाकिस्तान में बलात्कार, उत्पीड़न और यौन शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने देश के हर जिले में बलात्कार-रोधी संकट प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया है। संघीय कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार एक 42-सदस्यीय बलात्कार विरोधी अध्यादेश कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है, जो इन प्रकोष्ठों की स्थापना की देखरेख करेगा। मानवाधिकार, स्वास्थ्य एवं आंतरिक मामलों के मंत्रालयों के प्रतिनिधि और राष्ट्रीय डेटाबेस पंजीकरण प्राधिकरण तथा प्रांतीय फोरेंसिक एजेंसियों के प्रतिनिधि भी इस समिति का हिस्सा होंगे। 
कानून मंत्रालय द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, संकट प्रकोष्ठों का नेतृत्व जिलों के संबंधित उपायुक्त करेंगे और बलात्कार पीड़ितों की सहायता करेंगे। गौरतलब है कि नवंबर 2020 के दौरान विधायी मामलों के निपटान के लिए कैबिनेट कमेटी ने कुछ निर्णय लिए थे। इस कमेटी ने रासायनिक-अपराध सहित यौन अपराधियों के लिए कड़ी सजा देने और बलात्कार के मामलों के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने के लिए दो अध्यादेशों को मंजूरी दी थी। 
कानून मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एंटी-रेप (जांच और परीक्षण) अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 में मुख्य रूप से रासायनिक-अपराध घटित होने की स्थिति में पुनर्वास की अवधारणा समायोजित की गई है। कानून मंत्रालय के बयान के मुताबिक, महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए संवैधानिक गारंटी और अंतर्राष्ट्रीय संधियों के अनुरूप दो अत्याधुनिक कानून शीघ्र ही बनाए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि बलात्कार के मामलों में मुकदमा चलाने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी।
इसके अलावा बलात्कार रोधी संकट प्रकोष्ठ रेप के मामलों में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने, मेडिकल जांच करने और फोरेंसिक विश्लेषण करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे। औषधीय-कानूनी परीक्षण के दौरान बलात्कार पीड़ितों के लिए कानूनों ने दो-उंगली वाले कौमार्य परीक्षण को समाप्त कर दिया है। साथ ही इसने आरोपी द्वारा बलात्कार पीड़िता से जिरह पर भी रोक लगा दी है।
दरहसल मौजूदा अध्यादेश में बंद कमरे में सुनवाई, पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा, जांच व परीक्षण के दौरान आधुनिक उपकरणों का उपयोग, न्याय प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ितों को कानूनी सहायता और विशेष अदालत के लिए एक विशेष अभियोजक की नियुक्ति शामिल है। पाकिस्तान में हाल के दिनों में बलात्कार के मामलों में वृद्धि देखी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − nine =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।