US में अवैध तरीके से रहने के मामले में 11 भारतीय विद्यार्थियों को हिरासत में लिया गया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

US में अवैध तरीके से रहने के मामले में 11 भारतीय विद्यार्थियों को हिरासत में लिया गया

अभियान के तहत वैसे गैरआव्रजक विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया जाता है जो ऑप्टिकल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) कार्यक्रम का इस्तेमाल करके अमेरिका में बने रहते हैं।

संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अमेरिका में अवैध तरीके से रहने के मामले में कुल 15 विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 11 भारत के हैं। आव्रजन एवं सीमा शुल्क अधिकारियों ने इन विद्यार्थियों को बोस्टन, वाशिंगटन, ह्यूस्टन समेत कई अन्य शहरों से गिरफ्तार किया है और इनमें भारत के अलावा लीबिया के दो, सेनेगल का एक और बांग्लादेश का एक नागरिक है।
अधिकारियों के अनुसार इस विद्यार्थियों की गिरफ्तारी ऑप्टिकल इल्यूजन अभियान के तहत की गई है। इस अभियान के तहत वैसे गैरआव्रजक विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया जाता है जो ऑप्टिकल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) कार्यक्रम का इस्तेमाल करके अमेरिका में बने रहते हैं। इस कार्यक्रम के तहत गैर आव्रजक विद्यार्थियों को एक साल तक उनके शिक्षा से जुड़े क्षेत्र में काम करने की अनुमति दी जाती है। वहीं उन्हें इस एक साल के अलावा 24 महीने तक देश में काम करने की अनुमति भी दी जाती है, बशर्ते विद्यार्थी एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) वैकल्पिक प्रैक्टिकल प्रशिक्षण में हिस्सा लें।
आईसीई ने कहा कि ये छात्र वैसी कंपनियों में काम करने का दावा कर रहे थे, जो कंपनी वास्तव में हैं ही नहीं। वहीं कैलिफोर्निया में एक भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति को श्रम नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 188 महीने जेल की सजा सुनाई गई है और तीन पीड़ितों को अदालत ने वेतन और अन्य नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति के तौर पर 15,657 अमेरिकी डॉलर देने का आदेश दिया है।
इस मामले में आरोपी सतीश कर्तन और उनकी पत्नी शर्मिष्ठा बराई को 11 दिन की सुनवाई के बाद 14 मार्च, 2019 को श्रम कानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया। बराई को दो अक्टूबर को 15 साल और आठ महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। दंपति ने अपने घर में काम कराने के लिए विदेश से कर्मियो की भर्ती की और उनसे 18-18 घंटे तक काम कराया और कुछ को ही थोड़ा बहुत मेहनताना भी मिला था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three + 13 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।