पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिलर हाई स्कूल पटना के प्रांगण में आयोजित राष्ट्ररत्न महाराणा प्रताप स्मृति समारोह में शामिल हुए। महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के पश्चात लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप स्मृति समारोह के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं। महाराणा प्रताप की पुण्य तिथि कल यानि 19 जनवरी को थी लेकिन जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला की वजह से इसका आयोजन 20 जनवरी को किया गया। उन्होंने कहा कि पहले की दो मानव श्रृंखलाओं का आयोजन 21 जनवरी 2017 एवं 2018 को हुआ था। 19 जनवरी को रविवार होने के कारण मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप से संबंधित विभिन्न पहलुओं को यहां अन्य लोगों ने रखा है। उनसे संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखायी गयी, जिसमें मौलिक बातों को संक्षेप में रखा गया है। महाराणा प्रताप ने कभी हार स्वीकार नहीं की। अकबर के समय में उनके पास कई समझौते के भी प्रस्ताव आए मगर उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया और हल्दीघाटी युद्ध का सामना किया। उन्हें अपने घोड़े चेतक से विशेष लगाव था। चेतक ने अंत समय में भी महाराणा प्रताप का साथ निभाया था। उन्हें समाज के हर तबके से लगाव था। भील समुदाय के साथ वे पंगत में भोजन करते थे। सेना में उन्होंने दलित भांगर बिरादरी को शामिल किया था। अकीम खान सुरा को उन्होंने अपनी सेना की कमान सौंपी थी। भामाशाह का भी इन्हें भरपूर सहयोग मिला था। दलित, अल्पसंख्यक, महिलाओं के प्रति उनका सम्मान का भाव था। देवेर के युद्ध में अमर सिंह ने अब्दुल रहीम खान खाना के परिवार को बंदी बना लिया था, जिसे महाराणा प्रताप ने रिहा कराया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप की स्मृति में ऐसे आयोजन से उनके कार्यों और उनके व्यक्तित्व को याद कर नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा लेती रहेगी। महाराणा प्रताप ने सभी वर्गों का साथ लिया और समय आने पर उनका सम्मान भी किया। उन्होंने कहा कि हम सबों को भी एक दूसरे का सम्मान करते हुये समाज में टकराव के माहौल को समाप्त करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1857 के विद्रोह में बाबू कुंवर सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका थी। हमलोग उनके मिल्लत के भावों और उनके कामों को याद करते रहे हैं। महाराणा प्रताप भी इसी देश की मिट्टी के लाल थे, हम उनके कामों को भी याद करते हैं। इतिहास के महत्वपूर्ण लोगों और विभूतियों को याद करते हैं ताकि नई पीढ़ी उनसे प्रेरित होती रहे। उन्होंने कहा कि हाल ही में बापू के कार्यों को भी याद करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए गये। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के समय क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी, चितौड़ के विजय स्तंभ के सामने शपथ लेते थे और हल्दीघाटी की मिट्टी का तिलक लगाकर प्रेरित होते थे। हम भी जब लोकसभा सांसद थे, हमने भी हल्दीघाटी की मिट्टी का तिलक लगाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है। जल का संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देकर हम भावी पीढ़ी की रक्षा कर सकेंगे। 19 जनवरी 2020 को 18 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी मानव श्रृंखला में 5 करोड़ 16 लाख से भी अधिक लोग शामिल हुए। बिहार के कार्यों की चर्चा बाहर भी होती है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 सूत्री कार्यक्रम को मिशन मोड में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है इसको बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने के लिए जो मांग की गई है उस पर कार्य किया जाएगा। अपनी विभूतियों से संबंधित जो भी काम होंगे, हमलोग करते रहेंगे। हमलोगों ने समाज के हर तबके के लिए काम किया है। न्याय के साथ विकास के संकल्प के साथ समाज के हर तबके और हर इलाके का विकास किया है। समाज के वंचित तबके को मुख्य धारा में लाने के लिए कई योजनाएं चलायी गई हैं। हम सभी मिल-जुलकर प्रेम, सद्भाव के साथ कार्य करते रहेंगे।मुख्यमंत्री का स्वागत पगड़ी एवं बड़ी माला पहनाकर किया गया। मुख्यमंत्री को आयोजकों ने अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम के दौरान महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से संबंधित डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम को विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश जदयू अध्यक्ष सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री जयकुमार सिंह, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, विधि सह लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री नीरज कुमार, पूर्व मंत्री श्रीमती लेसी सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजय सिंह, पूर्व विधायक महेश्वर सिंह सहित विधायकगण, विधान पार्षदगण, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।