पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन बिस्वास सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इस तरह 294 सदस्यीय सदन में कांग्रेस का अब कोई विधायक नहीं है। बिस्वास मुर्शीदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में वाम मोर्चा के समर्थन से हाल ही में निर्वाचित हुए थे। परिणाम से वाम-कांग्रेस गठबंधन खुश हो गया था। इसने मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट बैंक काटे थे।
सोमवार को तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बिस्वास को पार्टी के झंडे में लपेटकर व्यक्तिगत रूप से पार्टी में शामिल किया। इस अवसर पर विश्वास ने कहा कि उपचुनाव में उनकी जीत के पीछे कांग्रेस का कोई योगदान नहीं है। बिस्वास ने कहा, मैं कांग्रेस के साथ कभी नहीं था। मैं कांग्रेस में होने के कारण सागरदिघी के लोगों के लिए काम नहीं कर सका। साथ ही, मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल ही एकमात्र पार्टी है जो सही मायने में भाजपा का विरोध कर रही है। इसलिए, मैं तृणमूल में शामिल हो गया। केवल समय ही बताएगा कि क्या मैं ट्रेटर हूं।
इस बीच, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बिस्वास ने आखिरकार सत्ताधारी दल के दबाव के आगे घुटने टेक दिए। चौधरी ने कहा, पहले उन्हें तृणमूल कांग्रेस द्वारा पैसे की पेशकश की गई। जब उन्होंने इनकार कर दिया, तो उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। यह तृणमूल की रणनीति है। पहले वे धन बल का उपयोग कर लोगों को लुभाने की कोशिश करते हैं, और यदि वह चाल विफल हो जाती है, तो वे धमकियां देने लगते हैं।