रांची : झारखंड उच्च न्यायालय से राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बृहस्पतिवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब न्यायालय ने चारा घोटाले के तीन मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। इन मामलों में लालू प्रसाद इस समय जेल में सजा काट रहे हैं। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें चार जनवरी को सुनने के बाद कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने देवघर, दुमका और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत की गुहार लगाई थी। अदालत का यह फैसला आने से 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार की तैयारी कर रहे राजद को बड़ा झटका लगने की आशंका है क्योंकि उनके स्टार प्रचारक लालू प्रसाद अब संभवतः बिरसा मुंडा जेल में ही रहेंगे।
इन मामलों में उच्चतम न्यायालय से किसी प्रकार की राहत मिलने पर ही वह जेल से बाहर आ सकेंगे। चारा घोटाले के तीन मामलों में सजा काट रहे लालू ने उम्र और बीमारी का हवाला देकर देवघर, चाईबासा और दुमका मामले में अदालत से जमानत का अनुरोध किया था। लालू प्रसाद यादव 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं। हालांकि इस बीच उन्हें ईलाज के लिए अदालत से कई बार औपबंधिक जमानत भी मिल चुकी थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने 27 अगस्त 2018 को उनके स्वास्थ्य में सुधार देखते हुए उनकी औपबंधिक जमानत याचिका खारिज करते हुये 30 अगस्त को अदालत में समर्पण करने का निर्देश दिया था। देवघर ट्रेजरी मामले में (आरसी 64 ए-96)- 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार
दिए जाने के बाद 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई। चाईबासा ट्रेजरी मामले में भी (आरसी 68 ए-96) – 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार दिए गए। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई। दुमका ट्रेजरी मामले में (आरसी 38 ए-96), मार्च 2018 में लालू यादव दोषी करार दिए गए जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए। 24 मार्च को लालू को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू फिलहाल रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं जहां न्यायिक हिरासत में विभिन्न बीमारियों के लिए उनका इलाज चल रहा है।