जेएनयू में हिंसा को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में हिंसा की घटना से हैरान हूं। छात्रों पर बुरी तरह हमला किया गया है। पुलिस को फौरन हिंसा को रोकना चाहिए और शांति बहाल करना चाहिए। केजरीवाल ने ट्वीट करके सवाल उठाया कि अगर हमारे छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में सुरक्षित नहीं होंगे, तो देश कैसे विकास करेगा?
बता दें कि दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर से हिंसा हुई है। जेएनयू छात्र संघ और अन्य छात्र संघों बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चालू है। जहां जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा को अंजाम दिया है तो वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ पर अपने कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें की जेएनयू में हमला करने वाले सभी लोग नकाब पोश थे और उनके हाथों में डंडे और लोहे की रॉड थी हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि आखिरकार ये नकाबपोश लोग कौन थे वह लोग छात्र थे या कोई और। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आई है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है की इस हमले में लगभग 25 छात्र घायल हुए हैं।
हमले में बुरी तरह घायल हुई जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, ‘मुझे मास्क पहने गुंडों ने बेरहमी से मारा है। मेरा खून बह रहा है। मुझे बेरहमी से पीटा गया है। जेएनयू में एबीवीपी के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा, ‘जेएनयू में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से जुड़े लोगों ने हमला किया है। इस हमले में एबीवीपी से जुड़े करीब 15 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं।
दुर्गेश ने आरोप लगाया कि जेएनयू के अलग-अलग हॉस्टल में एबीवीपी से जुड़े छात्रों पर हमला किया गया है और हॉस्टलों की खिड़कियों दरवाजों को लेफ्ट के छात्र संगठनों ने बुरी तरह से तोड़ दिया है। हालांकि जेएनयूएसयू ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में एबीवीपी ने प्रवेश कर छात्रों की पिटाई की। एबीवीपी ने पथराव और तोड़फोड़ भी की। हालांकि तोड़फोड़ करने वाले लोगों ने नकाब पहना हुआ था।