केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कोयले से मेथनॉल बनाने के लिए संयंत्र लगाने को लेकर काम प्रगति पर है। केंद्रीय मंत्री ने यहां ब्रह्मपुत्र नदी में मेथनॉल युक्त डीजल से चलने वाला अंतर्देशीय जहाज के परीक्षण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भेल, थर्मेक्स और आईआईटी दिल्ली परियोजना पर काम कर रहे हैं।
समुद्री ईंधनों की तुलना में कम खर्चीला है।
पुरी और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कम कार्बन उत्सर्जन वाले समुद्री जहाज ‘एसबी गंगाधर’ की सवारी की। इसमें 50 लोगों के बैठने की जगह है। पुरी ने कहा कि मेथनॉल एक लागत प्रभावी वैकल्पिक समुद्री ईंधन है। यह अन्य समुद्री ईंधनों की तुलना में कम खर्चीला है और तट के किनारे भंडारण जैसे बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में किफायती है।
छह से आठ फरवरी के बीच बेंगलुरु में होगा
पुरी ने भारतीय ऊर्जा सप्ताह-2023 की तैयारियों के सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि असम पेट्रोकेमिकल लि. फिलहाल करीब 100 टीपीडी (टन प्रति दिन) का उत्पादन कर रही है और 500 टीपीडी मेथनॉल उत्पादन के लिए नयी परियोजना पर काम कर रही है। यह कार्यक्रम छह से आठ फरवरी के बीच बेंगलुरु में होगा।
मामूली संशोधन की आवश्यकता है
नीति आयोग के ‘मेथनॉल अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम का उद्देश्य देश के तेल आयात बिल, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और कोयले के भंडार तथा नगर निगम के ठोस कचरे से मेथनॉल बनाना है। मेथनॉल पर चलने वाले जहाजों में जरूरी बदलाव की लागत अन्य वैकल्पिक ईंधन की तुलना में काफी कम है। साथ ही मेथनॉल के रखरखाव के लिये मौजूदा भंडारण सुविधा के लिए केवल मामूली संशोधन की आवश्यकता पड़ती है।
ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन 20 प्रतिशत तक घट सकता है
पेट्रोल में 15 प्रतिशत मेथनॉल के सम्मिश्रण से पेट्रोल कच्चे तेल के आयात में कम से कम 15 प्रतिशत की कमी हो सकती है। साथ ही इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन 20 प्रतिशत तक घट सकता है। भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 भारत के जी-20 की अध्यक्षता संभालने के बाद पहला बड़ा कार्यक्रम है।