दिल्ली हाई कोर्ट ने नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा की पड़ताल के लिए एक तथ्यान्वेषी कमेटी गठित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की पीठ ने गिरफ्तारी सहित दंडात्मक कार्रवाई से छात्रों को अंतरिम संरक्षण प्रदान करने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट द्वारा छात्रों को अंतरिम संरक्षण प्रदान किए जाने से इनकार के बाद वकील ‘शेम शेम’ कहते नजर आए। पिछले कुछ दिनों में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में घायल हुए छात्रों के लिए उपचार और मुआवजे की मांग संबंधी छह याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
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सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में बताया कि पुलिस ग़लत तरीके से यूनिवर्सिटी में अंदर घुसी और आंसू गैस के गोले छोड़े।उन्होंने कहा, हम मांग करते हैं कि किसी रिटायर्ड जज से कोर्ट की निगरानी में जांच कराई जाए। पुलिस को छात्रों के खिलाफ कार्रवाई से रोका जाए। छात्रों के साथ अपराधियों जैसा बर्ताब किया गया है।