हरियाणा में डॉक्टरों की हड़तालके बीच राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम लगा दिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी। सरकार द्वारा ESMA लागू करने के बाद स्वास्थ्यकर्मी अगले 6 महीने तक हड़ताल या धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। सरकार ने कहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर असर ना पड़े।
बता दें कि हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में मंगलवार को ओपीडी बंद रही. हालांकि, बुधवार-गुरुवार को ओपीडी सेवाएं बहाल रहेंगी। चिकित्सकों ने एलान किया है कि इन दो दिनों में मांगें नहीं मानी तो चिकित्सक 14 जनवरी शुक्रवार को इमरजेंसी सेवाएं बंद कर पूर्ण हड़ताल पर चले जाएंगे। यह फैसला हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) ने लिया है।
तमाम प्रयास भी महिला की जान नहीं बचा सके
वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि अपनी मांगों को लेकर चिकित्सक हड़ताल पर रहे, लेकिन चरखी दादरी में डॉक्टरों ने अपना फर्ज निभाया। चरखी दादरी सिविल अस्पताल में सामूहिक अवकाश पर गए चिकित्सक एक महिला की जान बचाने के लिए इमरजेंसी कक्ष में पहुंच गए। हालांकि चिकित्सकों के तमाम प्रयास भी महिला की जान नहीं बचा सके।
महिला की जान नहीं बच पाई
जानकारी के अनुसार शहर के हरिनगर निवासी 21 साल की युवती ने मंगलवार सुबह घर पर संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगा ली। इसकी सूचना मिलने पर डायल 112 की टीम महिला के घर पहुंची और वहां से उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंची। ये देखते ही अस्पताल के मेन गेट पर बैठकर धरना दे रहे डॉक्टर्स वहां से उठकर तुरंत इमरजेंसी कक्ष पहुंचे और महिला मरीज की जान बचाने के प्रयास शुरू किए, लेकिन महिला की जान नहीं बच पाई।