दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर शुक्रवार को शिबू सोरेन को नोटिस भेजा। निशिकांत दुबे ने सोरेन के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति ‘डीए’ मामले में लोकपाल में सुनवाई पर रोक के हाईकोर्ट के पूर्ववर्ती आदेश को खारिज करने की मांग की है।
दरअसल, अगस्त 2020 में बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में ने आरोप लगाया था कि ‘‘जनता के पैसे का दुरुपयोग कर और भारी भ्रष्टाचार में संलिप्त राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने अकूत धन एवं संपत्ति अर्जित की।’’
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट से सोरेन को मिली थी राहत
पिछली सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोरेन के खिलाफ लोकपाल द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा था कि मामले की विचारणीयता के संबंध में 75 वर्षीय नेता द्वारा उठाई गई आपत्ति पर भ्रष्टाचार-रोधी प्राधिकरण ने ध्यान नहीं दिया।
न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘मामले की सुनवाई की अगली तारीख तक, लोकायुक्त के समक्ष लंबित कार्यवाही पर रोक रहेगी। याचिकाकर्ता द्वारा न्यायिक अधिकार क्षेत्र को चुनौती दिए जाने पर ना ही कोई जवाब दिया गया और ना ही (प्राधिकरण द्वारा) इससे निपटा गया।’’
सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उनके मुवक्किल के खिलाफ शिकायत के साथ-साथ लोकपाल की कार्यवाही का विरोध किया और तर्क दिया कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के मद्देनजर कार्यवाही कानून सम्मत नहीं है और अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
शिकायत को स्वीकार करते हुए लोकायुक्त ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को शिकायत की प्रारंभिक जांच करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। लोकपाल ने चार अगस्त के अपने आदेश में शिकायत की विचारणीयता के संबंध में आपत्तियों पर विचार किए बिना मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
इसके साथ ही लोकायुक्त ने यह निर्धारित करने के लिए कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया कि क्या याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनता है।वकील पल्लवी लांगर और वैभव तोमर के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित’’ है।इस मामले में अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।