द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने राष्ट्रपति बनने के बाद गुजरात की अपनी पहली यात्रा के दौरान साबरमती में महात्मा गांधी के आश्रम का दौरा किया। उन्होंने आश्रम परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (Bhupendra Patel) और राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Acharya Devvrat) भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने आश्रम की अतिथि पुस्तिका में लिखा कि ‘‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पवित्र तपस्थली साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) आकर मुझमें अवर्णनीय श्रद्धा और प्रेरणा का संचार हुआ है।’’
इस परिसर में गहन शांति का अनुभव होता है : मुर्मू
मुर्मू ने कहा कि बापू के जीवनकाल से जुड़े अभूतपूर्व इतिहास एवं धरोहरों को सराहनीय ढंग से इस परिसर में संरक्षित करके रखा गया है और वह साबरमती आश्रम का रखरखाव करने वाले लोगों की प्रशंसा करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ लंबे समय तक, स्वाधीनता संग्राम के केन्द्र रहे, इस परिसर में मुझे गहन शांति का अनुभव होता है। मैंने आज आश्रम में पूज्य बापू को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।’’राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के जीवन एवं स्वतंत्रता संघर्ष को दर्शाने वाली प्रदर्शनी भी देखी। उन्होंने आश्रम में चरखा चलाया तथा साबरमती पुनर्विकास परियोजना के मॉडल का अवलोकन भी किया। मुर्मू ने आश्रम परिसर में राष्ट्रपिता के आवास ‘‘हृदयकुंज’’ जा कर बापू की तस्वीर पर सूत की बनी माला चढ़ाई।
आत्मर्निर्भरता के महत्व को करता है स्पष्ट
I have spun the charkha before, but doing so in Bapu’s Ashram in Sabarmati proved to be a deeply touching experience. It revealed to me the deeper significance of his philosophy of self-reliance. The pristine environment of the Ashram continues to carry his vibes even today. pic.twitter.com/YFCp0QvEjc
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 3, 2022
राष्ट्रपति ने ट्वीट में कहा, ‘‘ मैंने पहले भी चरखा चलाया है, लेकिन साबरमती में बापू के आश्रम में ऐसा करना बेहद हृदयस्पर्शी अनुभव है। यह मुझे आत्मर्निर्भरता के दर्शन के गहरे महत्व को स्पष्ट करता है। आश्रम का निर्मल माहौल आज भी महात्मा गांधी की अनुभूति का अहसास कराता है।’’