एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने मुंबई में चल रही ड्रग्स मामले की जांच से अधिकारी समीर वानखेड़े को हटा दिया है। अब उनकी जगह कोई और अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। वानखेड़े पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने गंभीर आरोप लगाए थे। उनहोंने कहा था कि, यह अधिकारी लोगों को झूठे केस में फंसाते है।
अधिकारी संजह सिंह करेंगे ड्रग्स मामले की जांच
एनसीबी ने समीर वानखेड़े को जांच से हटाने के बाद, एनसीबी के उप महानिदेशक संजय सिंह के नेतृत्व में होगी। उनकी नवगठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को मुंबई जोनल ऑफिस में दर्ज आर्यन खान सहित छह ड्रग मामलों की जांच शुरू कर दी है। सिंह, 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह उन सभी छह मामलों की जांच का जिम्मा संभालेंगे, जो पहले क्षेत्रीय निदेशक समर वानखेड़े के नेतृत्व में थे, जिसमें 2 अक्टूबर की सनसनीखेज क्रूज शिप पार्टी के छापे भी शामिल है।इस मामले में बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था।
नए अधिकारी ने बनाई एसआईटी
एनसीबी ने शुक्रवार को इन मामलों की जांच के लिए सिंह की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया। शुक्रवार को जारी एनसीबी के बयान में कहा गया है कि, एनसीबी मुख्यालय की संचालन शाखा के अधिकारियों की एक एसआईटी का गठन एनसीबी के मुंबई क्षेत्रीय इकाई से कुल छह मामलों को संभालने के लिए किया गया है। बयान में यह भी कहा गया है कि किसी भी अधिकारी को उनकी वर्तमान भूमिकाओं से नहीं हटाया गया है और जब तक इसके विपरीत कोई विशिष्ट आदेश जारी नहीं किया जाता है, तब तक वे आवश्यकतानुसार संचालन शाखा की जांच में सहायता करना जारी रखेंगे।
मुझे जांच से नहीं हटाया गया है : वानखेड़े
यह दोहराया जाता है कि एनसीबी पूरे भारत में एक एकीकृत एजेंसी के रूप में कार्य करती है। हालांकि, वानखेड़े ने इस बात से इनकार किया कि उन्हें मामले से हटा दिया गया है और कहा, मुझे जांच से नहीं हटाया गया है। अदालत में मेरी रिट याचिका थी कि मामले की जांच एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जाए। इसलिए आर्यन खान केस और समीर खान केस की जांच दिल्ली विशेष जांच दल कर रहा है। यह दिल्ली और मुंबई की एनसीबी टीमों के बीच समन्वय है। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और वानखेड़े के बीच पिछले एक महीने से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एनसीपी नेता ने एनसीबी मुंबई के प्रमुख पर चौंकाने वाले खुलासे किए, इसके अलावा एक गवाह द्वारा एक हलफनामे में उन पर जबरन वसूली का आरोप भी लगाया। भारतीय जनता पार्टी के राजनेताओं और जहाज पर छापेमारी आदि के दौरान वांछित अपराधियों को शामिल किए जाने के आरोप भी लगाए गए।