केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने सोमवार को यानी आज राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी के इस्तीफे की मांग को लेकर एक बार फिर विधानसभा में प्रदर्शन किया लेकिन इस बार यह विरोध-प्रदर्शन अनुशासित रूप से किया गया था। बता दें कि गुरुवार और शुक्रवार को विपक्ष ने दिन की कार्यवाही का बहिष्कार कर विरोध किया था, लेकिन सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान जैसे ही शिवनकुट्टी सवालों के जवाब देने के लिए उठे, पूरे विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और शिवनकुट्टी के खिलाफ नारे लगाने लगे।
नारेबाजी के बीच, सदस्यों ने बैनर लहराए, जिनमें लिखा था कि शिवनकुट्टी को इस्तीफा देना है। शीघ्र ही अध्यक्ष एम.बी. राजेश ने घोषणा कर कहा कि सदन में बैनर लगाना नियम के खिलाफ है। विपक्ष ने उस पर ध्यान दिया, लेकिन नारेबाजी जारी रखी और शिवनकुट्टी के जवाब देने के बाद ही यह समाप्त हुआ। संयोग से यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान सत्र के दौरान, विभिन्न मुद्दों पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए भी, विपक्ष ने अभी तक सदन के वेल में कदम नहीं रखा है, जो कि पिछली विधानसभाओं में विरोध की एक सामान्य अभिव्यक्ति थी।
बता दें कि केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने 2015 में सदन में हंगामे से जुड़े मामले में शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी के इस्तीफे की मांग को शुक्रवार को यानि आज फिर दोहराया। विधानसभा में कार्यवाही के दौरान, सतीशन ने कहा कि राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री केएम मणि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर हंगामा हुआ था। उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से कहा कि वह ऐसी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं जिसके सदस्य ने मणि के इस्तीफे की मांग पर उस वक्त हंगामा किया था। इस मामले पर विपक्ष ने कहा है कि वह सिवनकुट्टी के इस्तीफे की मांग पर अडिग है और उनके मंत्री पद पर बने रहने के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा।