कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ वरिष्ठ मंत्री के एस ईश्वरप्पा द्वारा लगाए आरोपों को ‘‘गंभीर’’ बताते हुए विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने गुरुवार को राज्यपाल से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की भी मांग की। येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्री ईश्वरप्पा ने बुधवार को मुख्यमंत्री के खिलाफ राज्यपाल से शिकायत की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पर उनके विभाग के मामलों में प्रत्यक्ष तौर पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और मुख्यमंत्री की ‘‘गंभीर खामियों तथा प्रशासन के उनके निरंकुश तरीके’’ को लेकर 5 पृष्ठों का पत्र सौंपा। सिद्धारमैया ने एक बयान में कहा, ‘‘ईश्वरप्पा ने भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार, वंशवाद और अवैधता के आरोप के लिए सबूत मुहैया कराए। उन्हें किसी भी तरह के दबाव में झुकना नहीं चाहिए और अपने बयान पर कायम रहना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ईश्वरप्पा ने अपने राजनीतिक करियर में पहली बार अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें राज्य का हित अपने निजी हित से अधिक महत्वपूर्ण मानने के लिए बधाई देता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा नेतृत्व को ईश्वरप्पा का मुंह बंद करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और अन्य मंत्रियों को खुलकर अपनी राय रखने का मौका देना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनकी सरकार पर ‘‘10 प्रतिशत कमीशन सरकार’’ होने का आरोप लगाया था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने उनसे राज्य सरकार को भ्रष्टाचार की रेटिंग देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ही पार्टी के मंत्री द्वारा भेजी गई ‘‘जन्म कुंडली’ को देखकर राज्य सरकार को रेटिंग दें। सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप अपना विश्व प्रसिद्ध नारा ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ बदलकर ‘मैं भी खाऊंगा, तुम भी खाओ’ कर लीजिए।’’