कोलकाता : भारतीय फुटबाल जगत ने अखिल भारत फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के पूर्व अध्यक्ष प्रिय रंजन दासमुंशी के निधन पर आज शोक जताते हुये उन्हें श्रद्धांजलि दी। लगभग 20 वषो’ तक एआईएफएफ के अध्यक्ष रहे दासमुंशी 72 साल के थे। वह 2008 में आघात लगने के बाद से कोमा में थे। दासमुंशी एआईएफएफ के अलावा राजनीति में भी सक्रिय थे और कांग्रेस के बड़ नेताओं मे एक थे। एआईएफएफ के उपाध्यक्ष सुब्रत दथा ने पीटीआई से कहा, भारतीय फुटबाल में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता।
उनके मार्गदर्शन में राष्ट्रीय फुटबाल लीग की शुरूआत हुई (2007 में इसका नामकरण आई-लीग किया गया) और उन्होंने जो नींव रखी आज भी उसी तर्ज पर काम हो रहा। के. जियाउद्दीन के बाद अध्यक्ष बने दासमुंशी इस पद पर 19 वषो’ रहे। आघात लगने के बाद बाद प्रफुल्ल पटेल ने उनकी जगह ली। दासमुंशी की एक और उपलब्धि यह थी कि फीफा ने उन्हें 2006 विश्व कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया और क्रोएशिया के मैच का कमिश्नर बनाया था। वह एशिया फुटबाल कांफेड्रेशन के कार्यकारी समिति में भी शामिल रहे थे। दथ ने कहा, उन्होंने भारतीय फुटबाल में पेशेवर रवैये की शुरूआत की।
भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भुटिया ने भी एआईएफएफ के पूर्व प्रमुख को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ये सुनकर काफी दुख हुआ। उनका एआईएफएफ में योगदान बहुत बड़ हैं। उनके योगदान से भारतीय फुटबाल आगे बढ़। वह फुटबाल के लिये काफी जुनूनी थे। फुटबाल उनकी रगों में थे। जब मैं ईस्ट बंगाल के लिये खेल रहा था तब भी उन्होंने मेरी हर संभव मदद की। फुटबाल के प्रति उनके जुनून और लगाव को कोई भी देख सकता था। भारतीय फुटबाल के एक और दिग्गज आईएम विजयन ने भी दासमुंशी को भारतीय फुटबाल में दिये योगदान के लिये याद किया। उन्होंने कहा, भारतीय फुटबाल के लिये यह बड़ नुकसान है। उन्होंने कम समय में राष्ट्रीय फुटबाल लीग की शुरुआत की। यह उनकी विरासत है। उन्होंने निजी चैनलों पर मैचों का प्रसारण शुरू कराया। यह दोनों उनका सबसे बड़ योगदान है।